जयपुर. दुनिया भर में 29 जुलाई का दिन वर्ल्ड ओआरएस डे (World ORS Day) के रूप में मनाया जाता है. ओआरएस (ORS) को एक जीवनदायी पेय पदार्थ माना गया है क्योंकि इसे पीने से डिहाइड्रेशन और डायरिया से होने वाली मौतों को टाला जा सकता है. आमतौर पर डिहाईड्रेशन और डायरिया के मामले बच्चों में सबसे अधिक देखने को मिलते हैं और मानसून के समय तो दूषित पानी के प्रयोग से पेट संबंधी रोग भी बच्चों को घेर लेते हैं.
डब्ल्यूएचओ की माने तो छोटे बच्चे सबसे पहले डिहाइड्रेशन और डायरिया की चपेट में आते हैं और रिपोर्ट के अनुसार विश्व भर में 5 साल से कम उम्र के ज्यादातर बच्चों की मौत का कारण डायरिया होता है. चिकित्सकों का मानना है कि बच्चों की इम्युनिटी पावर काफी कम होती है. ऐसे में बच्चे पेट संबंधित बीमारियों की चपेट में सबसे अधिक आते हैं जिनमें डिहाईड्रेशन और डायरिया प्रमुख है. ऐसे में बच्चे या वयस्क को डायरिया होने पर ओआरएस का घोल दिया जाता है. ऐसे में ओआरएस की उपयोगिता और इसके महत्व और जागरूकता को लेकर हर साल 29 जुलाई को विश्व भर में ओआरएस दिवस मनाया जाता है.
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क्या है ओआरएस
ओआरएस यानी ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्ट उस स्थिति में डॉक्टर देते हैं जब मरीज के शरीर में मौजूद तत्वों में इलेक्ट्रोलाइट्स कम होने लगता है. इलेक्ट्रोलाइट्स कम होने के बाद आम इंसान भी डिहाइड्रेशन का शिकार हो जाता है जिसके बाद उसे उल्टी और दस्त की समस्या शुरू हो जाती है. ऐसे में वायरस शरीर में फिर से इलेक्ट्रोलाइट्स बनाने का काम करता है. आमतौर पर खिलाड़ियों को भी एनर्जी और डिहाइड्रेशन से राहत के लिए ओआरएस दिया जाता है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक ओआरएस में 4 मुख्य तत्व होते हैं. सोडियम क्लोराइड यानी सामान्य नमक, ट्राईसोडियम साइट्रेट, पोटैशियम क्लोराइड और ग्लूकोज ये शरीर को ऊर्जा देते हैं. डायरिया के दौरान उल्टी और दस्त की वजह से शरीर के मुख्य मिनरल्स और इलेक्ट्रोलाइट्स बाहर हो जाते हैं. इसके बाद डिहाइड्रेशन की समस्या हो जाती है. इस दौरान मरीज को अतिरिक्त तरल पदार्थ दिए जाते हैं ताकि पानी की कमी पूरी हो सके.
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इसी के साथ ओआरएस का घोल भी दिया जाता है. चिकित्सकों का कहना है कि जब बच्चा डायरिया की चपेट में आ जाए तो उसे थोड़ी-थोड़ी देर में ओआरएस का घोल देना जरूरी होता है ताकि शरीर में पानी की कमी न हो. इसके अलावा यदि वयस्क भी डायरिया या डिहाइड्रेशन की चपेट में आता है तो उसे भी ओआरएस का घोल पिलाया जा सकता है.