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World ORS Day 2022: बारिश के मौसम में बच्चों में उल्टी-दस्त, डायरिया की समस्या बढ़ी, ओआरएस घोल को लेकर चिकित्सक करेंगे जागरूक

बारिश के मौसम के साथ ही उल्टी, दस्त और डायरिया जैसी समस्याएं भी शुरू (World ORS Day 2022) हो जाती हैं. इसका सबसे ज्यादा असर बच्चों में देखने को मिलता है. राजधानी के जेके लोन अस्पताल में भी बारिश के बाद सबसे अधिक मामले उल्टी, दस्त और पेट संबंधी अन्य बीमारियों के देखने को मिल रहे हैं. विश्व ओआरएस दिवस 2022 के मौके पर चिकित्सक बता रहे हैं ओआरएस का महत्व, पढ़िए...

World ORS Day 2022
विश्व ओआरएस दिवस

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Published : Jul 29, 2022, 5:54 PM IST

जयपुर. प्रत्येक वर्ष 29 जुलाई को विश्व ओआरएस दिवस (World ORS Day 2022) के रूप में मनाया जाता है. उल्टी, दस्त और मौसमी बीमारियों में ओआरएस का घोल संजीवनी साबित होता है. बारिश के मौसम में बच्चे सबसे अधिक मौसमी बीमारियों की चपेट में आते हैं. जयपुर के जेके लोन अस्पताल में भी बच्चों में डायरिया और पेट संबंधी बीमारियों के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. ऐसे में विश्व ओआरएस दिवस के मौके पर चिकित्सक ओआरएस की अहमियत लोगों को समझाएंगे ताकि डायरिया जैसी जानलेवा बीमारी से बच्चों की जान बचाई जा सके. इसे लेकर जेके लोन अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ विभाग की ओर से पोस्टर का विमोचन भी किया गया.

जयपुर के जेके लोन अस्पताल की बात करें तो बारिश के मौसम के बाद ओपीडी लगभग 20 से 25 फीसदी बढ़ चुकी है. जेके लोन अस्पताल के वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अशोक गुप्ता का कहना है कि बच्चों में मौजूदा समय में उल्टी-दस्त के मामले सबसे अधिक देखने को मिल रहे हैं. यदि सही समय पर इलाज नहीं किया जाए तो डायरिया से बच्चों की मौत भी हो सकती है. ऐसे में अस्पताल के पीडियाट्रिक विभाग की ओर से ओआरएस के बारे में आमजन को जागरूक किया जाएगा. डॉ अशोक गुप्ता का कहना है कि यदि डायरिया से पीड़ित बच्चे या फिर वयस्क को समय-समय पर ओआरएस का घोल पिलाया जाए तो उसकी जान बचाई जा सकती है.

विश्व ओआरएस दिवस 2022 पर जाने ओआरएस का महत्व

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के आंकड़ों की माने तो विश्व भर में 5 साल से कम उम्र के बच्चों में मौत की सबसे बड़ी वजह डायरिया है. लेकिन डायरिया जैसी जानलेवा बीमारी में ओआरएस संजीवनी के रूप में काम करता है. इस मौके पर सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ राजीव बगरहट्टा ने बताया कि आज भी विश्व भर में एक ऐसी आबादी है जहां बच्चों में डायरिया जैसी गंभीर बीमारी देखने को मिल रही है. हमारी कोशिश है कि लोगों में जागरूकता फैलाई जाए, ताकि डायरिया जैसी बीमारी में लोग ओआरएस की अहमियत समझ सकें.

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बीमारियों का बढ़ा ग्राफ:जेके लोन अस्पताल के चिकित्सकों की माने तो बारिश के मौसम के बाद बच्चों में डायरिया और पीलिया संबंधित बीमारियां सबसे अधिक देखने को मिल रही हैं. जिसके कारण जेके लोन अस्पताल में ओपीडी भी 20 से 25 फ़ीसदी तक बढ़ चुकी है. इसे देखते हुए अस्पताल में वैकल्पिक व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि गंभीर अवस्था में पहुंचने वाले बच्चों का तुरंत इलाज संभव हो सके. हालांकि अस्पताल प्रशासन का दावा है कि अस्पताल में इलाज के लिए सभी तरह की व्यवस्थाएं मौजूद हैं. साथ ही जरुरत पड़ने पर बेड की संख्या में बढ़ोतरी कर दी जाएगी. इसके अलावा अस्पताल में आईपीडी की संख्या में भी बढ़ोतरी हो रही है.

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