जयपुर. दुनिया भर में 25 अप्रैल को हर साल मलेरिया जैसी बीमारी के खिलाफ लोगों को जागरूक करने के मकसद से 'विश्व मलेरिया दिवस' यानी वर्ल्ड मलेरिया डे मनाया जाता है. कोरोना महामारी का प्रकोप होने के बाद से दुनियाभर के लोगों के बीच सेहत को लेकर काफी जागरूकता बढ़ी है. मलेरिया एक ऐसी बीमारी है, जो सालों से लोगों को अपना शिकार बनाती आई है. गौरतलब है कि हर साल लाखों लोग भारत समेत पूरी दुनिया में मलेरिया से ग्रसित होते हैं. आपको बता दें कि यह एक जानलेवा बीमारी है, जिससे भारत में हर साल हजारों लोग संक्रमित होते हैं.
विश्व मलेरिया दिवस 2022 की थीम: हर साल विश्व स्वास्थ्य संगठन विश्व मलेरिया दिवस के मौके पर एक विशेष थीम रखता है. इस साल 2022 की थीम (World Malaria day theme in 2022) है 'मलेरिया रोग के बोझ को कम करने और जीवन बचाने के लिए नवाचार का उपयोग करें'. इस थीम के जरिए लोगों को मलेरिया से सुरक्षित रहने के नए उपायों को बारे सोचने को प्रेरित करना है.
पढ़ें:100 साल बाद बनी मलेरिया की पहली वैक्सीन, जानिये कितनी कारगर और किसे मिलेगी सबसे पहले ?
मलेरिया की बीमारी मच्छर के काटने से फैलती है. यह मादा एनाफिलीज मच्छर के जरिए इंसानों के बीच फैसला है. आपको बता दें कि मलेरिया प्लाज्मोडियम विवेक्स नाम के वायरस के कारण होता है. जब मादा एनाफिलीज मच्छर की किसी संक्रमित व्यक्ति को काटती है, तो इस वायरस का अंश मच्छर के शरीर में ट्रांसफर हो जाता है. इसके बाद जब यह मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है, तो यह वायरस उन व्यक्ति के शरीर में ट्रांसफर हो जाता है. इसके बाद वह भी मलेरिया से संक्रमित हो जाता है. मलेरिया का सबसे बड़ा कारण गंदगी, आसपास फैला कचरा और इसके कारण वहां पनपने वाले मच्छर होते हैं. खासकर मादा एनाफिलीज मच्छर इंसानों को काटकर उन्हें मलेरिया से संक्रमित कर देते हैं.
लक्षण:मलेरिया के प्रमुख लक्षण यह हैं कि एक निश्चित अंतराल से रोज एक निश्चित समय पर मरीज को बुखार आता है. सिरदर्द और मितली आने के साथ कंपकंपी के साथ ठंड लगने के दौरे प्रमुख हैं. मरीज को हाथ-पैरों में दर्द के साथ कमजोरी महसूस होती है.