जयपुर.28 जुलाई वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे के रूप में मनाया जाता है. इस बार वर्ल्ड हेपिटाइटिस डे की थीम 'आई कांट वेट' रखी गई है. यानी बीमारी का पता लगते ही इसका इलाज तुरंत करवाया जाए. राजस्थान की बात करें तो इस बीमारी की जागरूकता के लिए समय-समय पर प्रदेश में चिकित्सा विभाग अभियान चलाता है. हाल ही में वर्ल्ड हेपिटाइटिस डे के मौके पर राजस्थान में चिकित्सा विभाग ने 'हैल्दी लिवर कैम्पेन' की शुरुआत की. इसके तहत लोगों को इस बीमारी के बारे में जागरूक करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है. डब्ल्यूएचओ की मानें तो विश्व भर में तकरीबन 30 करोड़ से अधिक लोग हेपेटाइटिस से ग्रसित हैं.
हेल्दी लिवर कैम्पेन के अन्तर्गत हेपेटाइटिस के बारे में आमजन को जागरूक किया जा रहा है. चिकित्सकों का कहना है कि हेपेटाइटिस एक वायरल इंफेक्शन है. यह बीमारी लिवर को प्रभावित करती है. लिवर का काम शरीर के सभी अंगों को पोषक तत्व पहुंचाना होता है. हेपेटाइटिस के संक्रमण से लिवर में सूजन आ जाती (Symptoms of hepatitis) है. इससे व्यक्ति को पीलिया हो जाता है. यह संक्रामक बीमारी है जो लापरवाही करने पर एक से दूसरे व्यक्ति में भी फैल सकती है और जानलेवा भी हो सकती है. इस वायरस के 5 स्ट्रेन होते हैं जिन्हें, हेपेटाइटिस A, B, C, D, E नाम से पहचाना जाता है. इनमें से A और E संक्रमित खाने और पानी से फैलते हैं.
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डॉक्टर्स की मानें तो हेपेटाइटिस बी व सी सबसे ज्यादा खतरनाक होते हैं. इसके मरीजों को लिवर सिरोसिस होने की आशंका रहती है. इसमें मरीजों का लिवर सिकुड़कर काम करना बंद कर देता है. कई बार लिवर में पानी भर जाता है. खून की उल्टियां होने लगती हैं और शरीर में सूजन आ जाती है. मरीज को लिवर कैंसर होने की आशंका बढ़ जाती है. ऐसे में इस बीमारी से बचाव ही सबसे कारगर उपाय है. इसके लिए धारदार चीज जैसे इंजेक्शन, रेजर्स या टूथब्रश दूसरे से साझा न करें. असुरक्षित यौनसंबंध न बनाएं और दूषित खानपान से (precautions of Hepatitis) बचें. बच्चों को हेपेटाइटिस के टीके जरूर लगवाएं. गर्भवती महिलाओं का हेपेटाइटिस बी और सी टेस्ट करवाएं. खुली चोट को छूने से पहले हाथ अच्छी तरह साफ कर लें.
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