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राजस्थान: भाजपा में सैकड़ों कार्यकर्ताओं को जल्द मिलेगा संगठनात्मक पदों का तोहफा, प्रकल्प और प्रकोष्ठ विभागों के गठन पर मंथन शुरू - Corona epidemic

राजस्थान भाजपा में सैकड़ों कार्यकर्ताओं को जल्द संगठनात्मक पदों का तोहफा मिलेगा. प्रकल्प और प्रकोष्ठ विभागों के गठन पर मंथन शुरू हो गया है.

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प्रकल्प और प्रकोष्ठ विभागों के गठन पर मंथन शुरू

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Published : May 23, 2021, 2:56 PM IST

जयपुर. कोरोना महामारी के दौरान अब राजस्थान भाजपा में बची हुई संगठनात्मक नियुक्तियों और विस्तार का काम गति पकड़ने की संभावना है. हाल ही में अल्पसंख्यक ओबीसी और एसटी मोर्चा जिला अध्यक्षों की घोषणा के बाद माना जा रहा है कि बचे हुए मोर्चा का जिला स्तर तक विस्तार और प्रकल्प प्रकोष्ठ और विभागों के गठन का अधूरा काम भी जल्द पूरा होगा.

प्रकल्प और प्रकोष्ठ विभागों के गठन पर मंथन शुरू

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दरअसल प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया को यह काम अपनी प्रदेश टीम की घोषणा के बाद ही शुरू करना था लेकिन पहले उपचुनाव और फिर कोरोना महामारी ने इसमें रोड़ा डाला. अब हाल ही में 3 मोर्चा के विस्तार की घोषणा हुई तो पार्टी कार्यकर्ताओं को इस बात का एहसास होने लगा है कि जल्द ही उन्हें बची हुई नियुक्तियों में किसी ना किसी पद पर मौका मिलेगा.

इन मोर्चों के विस्तार का बेसब्री से इंतजार

प्रदेश भाजपा के साथ अग्रिम मोर्चे में से 4 मोर्चे ऐसे हैं जिनके जिला अध्यक्षों की घोषणा होना बाकी है. इनमें सबसे महत्वपूर्ण है युवा मोर्चा और महिला मोर्चा. किसान मोर्चा और अनुसूचित जाति मोर्चा के भी जिला अध्यक्षों की घोषणा होना अभी शेष है. युवा मोर्चा और महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष की दौड़ में पार्टी से जुड़े कई कार्यकर्ता जुटे हैं और प्रदेश स्तर के कई नेता अपने-अपने चहेतों को यह पद मिल जाए, इसकी लॉबिंग में भी लगे हैं,

सैकड़ों कार्यकर्ताओं को पद के जरिए किया जा सकता है संतुष्ट

प्रदेश संगठन में इन प्रकल्प/प्रकोष्ठ और विभागों के जरिए पार्टी सैकड़ों की तादाद में पद और दायित्व चाहने वाले कार्यकर्ता और नेताओं को संतुष्ट कर सकती है क्योंकि हर विभाग में एक प्रदेश संयोजक एक सह संयोजक के साथ उसकी टीम बनानी होगी. ऐसे में बड़ी संख्या में प्रकोष्ठ प्रकल्प और विभाग में जब गठन और नियुक्ति का दौर चलेगा तो उसके जरिए सैकड़ों की तादाद में कार्यकर्ताओं को संतुष्ट किया जा सकता है.

केंद्र ने बढ़ाएं 7 प्रकोष्ठ/प्रकल्प, जारी की गाइडलाइन

भाजपा के केंद्रीय स्तर पर प्रदेशों को पहले 12 प्रकल्प/प्रकोष्ठ ही गठन करने का अधिकार था जिसे बढ़ाकर 19 कर दिया गया है. मतलब अब प्रदेश अपने स्तर पर 19 प्रकल्पों का गठन कर सकता है. इसी तरह 28 विभागों के गठन को भी सैद्धांतिक रूप से पार्टी ने मंजूरी दे दी है और इसके लिए सभी प्रदेश इकाइयों को पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने विस्तृत गाइडलाइन भी जारी कर दी है. पार्टी नेतृत्व चाहता है कि विभागों में वरिष्ठ और विशेषज्ञ ही शामिल हो ताकि भाजपा की जड़े हर वर्ग में मजबूती के साथ खेल सके.

ये है प्रकल्प/प्रकोष्ठ

प्रदेश भाजपा में विधि,बुद्धिजीवी, व्यवसायिक, आर्थिक, चिकित्सा, शिक्षक, सहकारिता, पूर्व सैनिक, सांस्कृतिक, व्यापार, बुनकर, पशुपालन/घुमंतू , प्रवासी, नगर निकाय, पंचायत राज और खेल प्रकल्प सहित 19 प्रकल्प बनाए जाना है. जिनमें एक संयोजक, एक सह संयोजक और सदस्यों की घोषणा होगी. प्रदेश स्तर पर प्रकल्प में 9 सदस्य बनाए जाएंगे जबकि जिला स्तर पर सदस्यों की संख्या 7 और मंडल स्तर पर इन प्रकल्प व प्रकोष्ठों में सदस्यों की संख्या 5 होगी.

ये है विभाग

इसी तरह भाजपा 28 विभागों को भी वापस सक्रिय करेगी और इसमें नियुक्ति भी करेग। इन विभागों में जिला कार्यालय निर्माण व रखरखाव विभाग, ग्रन्थालय व अध्ययन विभाग, स्वच्छ भारत अभियान, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ,जल संरक्षण पर्यावरण, महासंपर्क अभियान प्रशिक्षण, सुशासन पॉलिसी रिसर्च विभाग, मीडिया विभाग मीडिया, संपर्क विभाग,पॉलिटिकल फीडबैक विभाग, डॉक्यूमेंटेशन विभाग, आपदा राहत सहयोग विभाग,प्रशासनिक विभाग प्रचार, साहित्य निर्माण विभाग, चुनाव प्रबंधन विभाग, चुनाव आयोग समन्वय विभाग, कानूनी विधिक कार्य विभाग, पार्टी पत्रिका प्रकाशन विभाग, सोशल मीडिया विभाग, आजीवन सहयोग निधि विभाग, आईटी सेल और एफबी पेज विभाग, पर्यावरण विभाग प्रमुख है। इनमें एक संयोजक एक सह संयोजक के साथ कुछ सदस्य भी बनाए जाएंगे जिनकी नियुक्ति होगी.

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