जयपुर. ग्रेड पे 3600 सहित अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेशभर के पटवारी आंदोलन कर रहे हैं. प्रदेश के संभागवार पटवारी जयपुर के शहीद स्मारक पर धरना देकर सरकार के खिलाफ आक्रोश जता रहे हैं. पटवारियों के आंदोलन के कारण काम नहीं होने के कारण जनता भी परेशान है और लगभग 50 से ज्यादा ऐसे काम प्रभावित हो रहे हैं जो पटवारियों की ओर से किए जाते हैं.
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पटवारियों के काम नहीं करने से सरकार के राजस्व पर भी असर पड़ रहा है. प्रतिदिन सरकार को करोड़ों रुपए के राजस्व का घाटा हो रहा है. सरकार की योजनाएं भी प्रभावित हो रही है. पटवारियों के आंदोलन से जो काम प्रभावित हो रहे हैं, वे निम्न हैं...
- प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का काम
- बुजुर्ग एवं सामाजिक पेंशन रिपोर्ट
- नामांतरण के काम
- किसान क्रेडिट कार्ड के लोन का काम
- जाति सहित सभी तरह के प्रमाण पत्र
- क्रॉप कटिंग का काम
- पंजीयन
- गिरदावरी
- भूमि रूपांतरण
- खाद्य सुरक्षा का काम
- 181 पोर्टल की रिपोर्ट
- मुख्यमंत्री सहायता कोष की राशि देने की रिपोर्ट
- नकल देने का काम
- अतिक्रमण हटाने की कार्य
- उद्योग कर एवं सिंचाई कर की वसूली
- राजस्व की वसूली
- रोड़ा एक्ट की वसूली
- लीज
- नामांतरण और और कुर्की के काम
पटवारियों के आंदोलन से सभी काम प्रभावित हो रहे हैं और जनता परेशान हो रही है. सबसे अधिक परेशानी रीट के विद्यार्थियों को हो रही है। रीट की परीक्षा 25 अप्रैल को होने वाली है और विद्यार्थियों को ईडब्ल्यूएस का प्रमाण पत्र बनवाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ईडब्ल्यूएस के प्रमाण पत्र बनने से पहले पटवारी की रिपोर्ट होती है, लेकिन पटवारी आंदोलन के चलते काम पूरी तरह से नहीं कर पा रहे. इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में किसान भी इस आंदोलन से प्रभावित हैं. ना तो उनकी गिरदावरी हो पा रही है और ना ही बीमा क्लेम मिल पा रहा है.
प्रदेश की वर्तमान स्थिति
पूरे प्रदेश में 12264 पटवारियों के पद सृजित हैं. इनमें से 7700 पटवारियों के पद भरे हुए हैं. शेष रहे पटवार मंडलों का प्रभार इन्ही पटवारियों को दिया हुआ है. अतिरिक्त पटवार मंडलों के पटवारियों ने 15 जनवरी से कार्य बहिष्कार किया हुआ है, जिसके चलते वहां पूरी तरह से काम ठप पड़ा है. शहीद स्मारक पर हर संभाग का 2 दिन का धरना प्रदर्शन रहता है और उस संभाग के सभी पटवारी उस धरने में शामिल होते हैं.