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Ground Report: निर्माणाधीन एलिवेटेड रोड और ROB की डेडलाइन बीती, काम अब भी बाकी

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Published : Aug 24, 2020, 9:46 PM IST

जयपुर शहर की राह आसान बनाने के लिए सोडाला एलिवेटेड और 4 आरओबी के प्रोजेक्ट बनाने शुरू किए गये थे. लेकिन डेडलाइन बीत जाने के बाद भी इनका निर्माण कार्य खत्म नहीं हुआ. अब तो झोटवाड़ा एलिवेटेड रोड की डेडलाइन भी नजदीक ही है. हालांकि, अब इन्हें गति दिए जाने की बात की जा रही है.

जयपुर समाचार, jaipur news
डेडलाइन बीतने के बावजूद नहीं हो पाया काम

जयपुर.राजधानी में करोड़ों रुपए की योजनाओं का काम कछुए की चाल से हो रहा है, जिन्हें पूरा करना जेडीए के लिए चुनौतीपूर्ण बना हुआ है. वैश्विक महामारी कोरोना के बीच शहर में निर्माणाधीन सोडाला एलिवेटेड और 4आरओबी का काम डेडलाइन बीत जाने के बावजूद भी पूरा नहीं हो पाया है.

दरअसल, साल 2016 में सोडाला के ट्रैफिक को डायवर्ट करने के लिए, सोडाला से अंबेडकर सर्किल तक 1.8 और अंबेडकर सर्किल से सोडाला 2.8 किलोमीटर एलिवेटेड रोड बनाने का काम शुरू किया गया था. 250 करोड़ की लागत वाले इस प्रोजेक्ट की डेडलाइन अक्टूबर 2018 थी. लेकिन डेडलाइन के लगभग 2 साल बाद भी काम अधूरा ही है.

डेडलाइन बीतने के बावजूद नहीं हो पाया काम

इसके अलावा शहर में जाहोता, सीतापुरा, दांतली और बस्सी आरओबी का काम भी अपनी डेडलाइन क्रॉस कर चुका है. जबकि साल 2018 में तत्कालीन भाजपा सरकार ने झोटवाड़ा एलिवेटेड प्रोजेक्ट की नींव रखी और दिसंबर 2020 डेडलाइन निर्धारित की. 110 करोड़ की लागत से बनने वाला एलिवेटेड रोड 2.2 किलोमीटर लंबा बनना है, अब इसकी डेडलाइन भी नजदीक है.

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इस संबंध में जेडीसी गौरव गोयल ने कहा कि वर्तमान में निर्माणाधीन सोडाला एलिवेटेड, झोटवाड़ा एलिवेटेड, दांतली, सीतापुरा आरओबी को गति दी जा रही है. कोरोना लॉकडाउन के बाद अब दोबारा मजदूरों की संख्या बढ़ी है. इससे सभी प्रोजेक्ट को गति मिली है, जिन्हें जल्द पूरा किया जाएगा.

वहीं, यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने इन सभी प्रोजेक्ट्स को पिछली सरकार का बकाया बताया. उन्होंने कहा कि जितने भी निर्माणाधीन प्रोजेक्ट है, वो सभी पूर्ववर्ती सरकार बकाया छोड़ कर गई है, उनको कांग्रेस सरकार पूरा कर रही है. धारीवाल ने इन प्रोजेक्ट का डिजाइन डिफेक्टिव बताते हुए, उस डिफेक्ट को सही कर काम किए जाने के बात कही. वहीं, काम डिले होने का एक कारण कोरोना को भी बताया.

बहरहाल, राजधानी में करोड़ों के ये प्रोजेक्ट पहले प्रशासन की लेटलतीफी और उसके बाद कोरोना के शिकार हुए. हालांकि, अब मजदूर वर्ग दोबारा काम पर लौटा है. लेकिन अभी भी शहरवासियों को राह सुगम होने का इंतजार ही करना होगा.

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