जयपुर.कोटा में नवजात बच्चों की मौत का मामला अब जोधपुर, उदयपुर और बीकानेर तक पहुंच गया है. दिसंबर 2019 में प्रदेशभर के सरकारी अस्पतालों में नवजात शिशुओं की मौत सियासी रूप भी ले चुकी है. बच्चों की मौत पर जहां विपक्ष सरकार को घेर रहा है, तो वहीं कई महिला संगठनों ने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
बच्चों की मौत को लेकर महिला संगठन सरकार का विरोध कर रही है महिला संगठनों ने राजधानी जयपुर में शांति प्रदर्शन कर सरकार से कार्रवाई करने की मांग की है. समाजसेवी निशा सिद्धू ने कहा कि बच्चों की मौत पर राजनीति नहीं करनी चाहिए, बल्कि सरकार को व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए. निशा सिद्धू ने कहा कि महिला संगठनों की टीम कोटा पहुंची है और वह वहां के व्यवस्था की जांच पड़ताल करेगी.
बता दें कि कोटा के जेके लोन अस्पताल में 35 दिनों में 110 बच्चों की मौत हो गई है. जिसके बाद लगातार सरकार के खिलाफ विपक्ष और सामाजिक कार्यकर्तओं ने मोर्चा खोल दिया है. इसी बीच जोधपुर और बीकानेर में भी बच्चों की मौत का मामला सामने आया है.
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जानकारी के अनुसार जोधपुर में जहां 146 बच्चों की मौत का मामला सामने आया है, तो वहीं बीकानेर में 162 बच्चों की मौत हुई है. यह आंकड़ा सिर्फ दिसंबर 2019 का है. लगातार बच्चों की मौत का मुख्य कारण अभी तक साफ नहीं हो पाया है.