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प्रदेश में पहली बार महिला स्नेक रेस्क्यू कार्यशाला का आयोजन, वनकर्मियों को सिखाए गुर - महिला स्नेक रेस्क्यू कार्यशाला

राजस्थान वन विभाग की ओर से प्रदेश में पहली बार महिला स्नेक रेस्क्यू कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस आठ दिवसीय कार्यशाला में महिलाओं को सांप को रेस्क्यू करने के गुर सिखाए गए. वहीं सभी महिला वन कर्मियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया गया.

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महिला स्नेक रेस्क्यू कार्यशाला

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Published : Oct 6, 2020, 12:20 AM IST

जयपुर.एक बार फिर वन विभाग की महिला वन कर्मियों ने साबित कर दिया है, कि वह पुरुषों से किसी भी मायने में कम नहीं है. प्रदेश में पहली बार महिला स्नेक रेस्क्यू कार्यशाला का आयोजन किया गया. आठ दिवसीय महिला स्नेक रेस्क्यू में महिलाओं को सांप को रेस्क्यू करने के गुर सिखाए गए. सोमवार को वन विभाग और रक्षा संस्थान की संयुक्त भागीदारी से आयोजित आठ दिवसीय सरीसृप, पक्षी और छोटे स्तनपाई वन्यजीवों की ह्यूमन रेस्क्यू और बेस्ट प्रैक्टिसेज की कार्यशाला संपन्न हुई.

महिला स्नेक रेस्क्यू कार्यशाला

इस कार्यशाला में राजस्थान के 4 जिलों की 5 महिला वन कर्मी शामिल हुई. जिनमें स्नेक रेस्क्यू स्पेशलिस्ट अंजू चौहान, विमला ढाका, झमकू, सोनम मीणा और प्रियंका चौधरी शामिल हुई. प्रधान मुख्य वन संरक्षक जीवी रेड्डी ने इस प्रशिक्षण का आयोजन प्रदेश में विशेषकर महिला वन कर्मियों की रेस्क्यू से संबंधित स्किल डेवलपमेंट में वृद्धि के लिए किया. जिससे इस वर्कशॉप से हासिल ट्रेनिंग से फील्ड वर्क के साथ निडरता से रेस्क्यू में भी उम्दा प्रदर्शन कर वन विभाग का नाम रोशन कर सकें. सभी महिला वन कर्मियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया.

वर्ष 2003 से स्नेक रेस्क्यू से संबंधित कार्य करने वाले रोहित गंगवाल ने बताया कि यह पहली बार ऐसा हुआ है कि जिसमें 8 दिन का प्रशिक्षण और फील्ड रेस्क्यू की ट्रेनिंग दी गई. इसमें सभी पार्टिसिपेंट्स ने पक्षी, सरीसृप और स्माल स्तनपाई की सही हैंडलिंग, टेक्निक्स, उनका फीडिंग, फर्स्ट एड, सही पिंजरे बनाना, पिंजरो में प्राकृतिक सा आवास देने को लेकर जानकारी दी गई. इसके अलावा इस वर्कशॉप की मुख्य बात यह रही कि सभी को लाइव रेस्क्यू के लिए भेजा गया और स्पॉट पर ट्रेनिंग दी गई.

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बता दें कि सरीसृपों के लिए ऐसा प्रयास भारत में पहली बार हुआ है. वर्कशॉप के माध्यम से सभी सहभागियों ने करीब 5 तरीकों से सापों को सकुशल रेस्क्यू करना सीखा. इनमें पीवीसी पाइप, बैंग-गिंग तरीका, हुक व बॉक्स तरीका, रिवर्स बैग तकनीक और झाड़ू व बोतल तकनीक से स्नेक रेस्क्यू तरीका सिखाया गया. इस कार्यशाला के दौरान करीब 29 स्नेक रेस्क्यू कॉल अटेंड की गई और करीब 18 सांप और 2 मॉनिटर लिजार्ड रेस्क्यू किए गए.

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