जयपुर. शहर के नगर निगम का छठा बोर्ड अब एक महिला संभालेगी. ये तीसरा मौका होगा जब महिला उम्मीदवार मेयर की कुर्सी पर बैठेगी. इससे पहले 1999 और 2014 में महिला मेयर निगम के बोर्ड को संभाल चुकी हैं. हालांकि 20 साल बाद ओबीसी महिला के नाम पर लॉटरी निकली है.
छठे बोर्ड में तीसरी बार चुनी जाएगी महिला मेयर खास बात ये है कि इस बार दो निगम है, दो बोर्ड होंगे और दोनों पर ही ओबीसी महिला मेयर बनेगी. ऐसे में पूर्व महापौरों की दौड़ खत्म हो गई है. जयपुर में मेयर के नाते अब कोई नया चेहरा ही देखने को मिलेगा. दरअसल, 1994 से 1999 तक जयपुर नगर निगम का पहला बोर्ड रहा. इस दौरान बीजेपी के मोहनलाल गुप्ता महापौर बने. इसके बाद दूसरा बोर्ड ओबीसी महिला के लिए आरक्षित हुआ.
1999 से 2004 तक चले इस बोर्ड में पहले निर्मला वर्मा मेयर बनी. उनके निधन के बाद शील धाभाई को मौका मिला. 2004 से 2009 के बीच निगम का तीसरा बोर्ड रहा. इसमें बीजेपी के ही अशोक परनामी मेयर बने और उनके विधायक बनने के बाद पंकज जोशी को ये जिम्मेदारी दी गई.
लेकिन चौथा बोर्ड निगम में कुछ बदलाव लेकर आया और मेयर का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से किया गया. 2009 से 2014 के बीच कांग्रेस के ज्योति खंडेलवाल मेयर बनी. वहीं 2014 में बीजेपी सरकार ने नियमों को दोबारा बदलते हुए, अप्रत्यक्ष चुनाव कराना तय किया. पांचवा बोर्ड इसलिए भी खास रहा क्योंकि इसमें एक नहीं, दो नहीं बल्कि तीन-तीन मेयर ने कामकाज संभाला.
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पहले निर्मल नहाटा, उनके बाद अशोक लाहोटी और लाहोटी के विधायक बनने के बाद खाली हुई कुर्सी पर भाजपा से बागी विष्णु लाटा कांग्रेस के समर्थन से मेयर बने लेकिन अब निगम की लॉटरी में इनमें से शील धाभाई को छोड़कर और कोई भी दावेदार नहीं होगा.
कारण है कि छठे बोर्ड के लिए निकाली गई लॉटरी में मेयर भी दो होंगे, बोर्ड भी दो होंगे, और दोनों ही मेयर ओबीसी महिला चुनी जाएंगी. ऐसे में 1999 से 20 साल बाद 2020 में होने वाले जयपुर नगर निगम के चुनाव में एक बार फिर ओबीसी महिला कैंडिडेट मेयर चुनी जाएगी. जो महिला होने के नाते निर्मला वर्मा, शील धाभाई और ज्योति खंडेलवाल के बाद चौथी महिला मेयर होगी.