जयपुर.जोधपुर में हिस्ट्रीशीटर चिकित्सक की डर्टी स्टोरी के खुलासे के बाद राजस्थान महिला आयोग अब हरकत में आ चुका है. महिला आयोग ने ईटीवी भारत की खबर के आधार पर आरोपी चिकित्सक डॉ इम्तियाज के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए 2 सदस्यीय दल को जांच के लिए जोधपुर भेजने का फैसला किया है. आरोपी डॉक्टर पहली नहीं, दूसरी नहीं बल्कि पांचवी बार (Women Commission on Jodhpur Doctor Fetus Examining Case) रंगे हाथों पकड़ा गया है. इस बार आरोपी को पीसीपीएनडीटी एक्ट के मामले में गिरफ्तार किया गया है. इस मामले में विपक्ष ने राजनीतिक आरोपों को तेज कर दिया है, तो वहीं सामाजिक संगठन भी अब सख्त कार्रवाई के पक्ष में हैं.
महिला आयोग सख्ती के मूड में:ईटीवी भारत के जरिए जब राजस्थान महिला आयोग की चेयरपर्सन रेहाना रियाज को मामले की जानकारी मिली तो वे खुद हैरत में रह गई. उन्होंने कहा कि इस तरह के लोगों को समाज में खुला छोड़ना नहीं चाहिए. एक तरफ अशोक गहलोत सरकार गर्ल चाइल्ड सेफ्टी पर काम कर रही है, तो दूसरी ओर चिकित्सक ऐसे कामों में संलिप्त पाए जाते हैं. इसे बिल्कुल भी माफ नहीं किया जा सकता है. उन्होंने ईटीवी भारत को बताया कि इस मामले में महिला आयोग ने दो सदस्यीय जांच दल को जोधपुर भेजने का फैसला किया है. ताकि इस मामले की पूरी पड़ताल की जाए. साथ ही आरोपी डॉक्टर के लाइसेंस को रद्द करवाने के लिए महिला आयोग की तरफ से सरकार से सिफारिश की जाए और सख्त कदम उठाते हुए आरोपी को सजा दी जानी चाहिए.
ये था मामला पहले हिस्ट्रीशीटर डॉक्टर का:पीसीपीएनडीटी की टीम ने बताया कि जोधपुर में शुक्रवार सुबह लिंग परीक्षण करने के नाम पर जिस डॉक्टर इम्तियाज को पकड़ा गया है, वो करीब चार साल पहले हिस्ट्रीशीटर घोषित किया जा चुका है. उसके खिलाफ इतने केस हैं कि कई थानों की पुलिस उसकी तलाश में थी. चार बार उसे पहले गिरफ्तार किया जा चुका है और अब पांचवी बार फिर उसे दबोचा गया है. चार-पांच दिनों से पीसीपीएनडीटी की टीम और एनएचएम स्टाफ लगातार जाल बिछाकर उसे फंसाने की कोशिश करता रहा. जिसके बाद शुक्रवार को उन्हें सफलता मिली.
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टीम के सदस्यों ने बताया कि एक गर्भवती महिला को इस रेड में शामिल करने के लिए काफी प्रयास किए गए. जब गर्भवती महिला को डॉक्टर के काले कारनामों के बारे में बताया गया तो उसे सजा दिलाने के लिए वो भी तत्काल तैयार हो गई. इस तरह उसकी ही मदद से डॉक्टर को फंसाने का पूरा जाल बुना गया. पीसीपीएनडीटी की टीम ने बताया कि इम्तियाज को पहली बार अक्टूबर 2016 में पकड़ा गया था. उसके बाद मई 2017 में दूसरी, जनवरी 2018 में तीसरी और चौथी बार सितंबर 2019 में गिरफ्तार किया गया था. लेकिन हर बार छूटने के बाद वो फिर से वही काम करने लगता.
इस मामले में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के निदेशक के सुपरविजन में पुलिस ने जांच की है. डॉक्टर इम्तियाज को पकड़ने के लिए टीम (Jodhpur Doctor arrested For Examining Fetus) को काफी मशक्कत करनी पड़ी. टीम ने तीन दिन तक जोधपुर में डेरा डाले रखा, एक प्रेगनेंट लेडी को डेकॉय बनाकर भेजा गया. इसके बाद शहर के शास्त्री नगर थाना क्षेत्र के सुभाष नगर में किराए के मकान में जांच करते हुए गिरफ्तारियां की गई. इसमें मकान मालिक को भी गिरफ्तार किया गया है, क्योंकि उसे भी इस काम की जानकारी थी.