जयपुर.नगर निगम ग्रेटर (Jaipur Greater Nagar Nigam) महापौर पद पर डॉ. सौम्या गुर्जर की नियुक्ति से शुरू हुई जयपुर शहर भाजपा विधायकों की नाराजगी महापौर निलंबन की कार्रवाई तक बदस्तूर जारी रही. लेकिन, निलंबित महापौर सौम्या गुर्जर के पति राजाराम गुर्जर (Rajaram Gurjar) के वायरल वीडियो (Viral Video) की एक घटना के बाद अचानक ये विधायक पुरानी नाराजगी भुलाकर पार्टी के साथ सौम्या गुर्जर निलंबन (Somya Gurjar suspension) के खिलाफ सरकार से मोर्चा लेते नजर आने लगे हैं. पुरानी अदावत के बाद एकाएक हुए इस परिवर्तन के चर्चे सियासी गलियारों में इन दिनों जोरों पर है.
पढ़ें- राजस्थान में भारी न पड़ जाए विधायकों की बयानबाजी, न माकन ले रहे निर्णय न अनुशासन कमेटी कर रही कार्रवाई
ये विधायक पार्टी के निर्णय से नहीं थे खुश...
जयपुर शहर में भाजपा के तीन विधायक कालीचरण सराफ (Kalicharan Saraf), डॉ. अशोक लाहोटी (Ashok Lahoti) और नरपत सिंह राजवी (Narpat Singh Rajvi) सौम्या गुर्जर को महापौर पद पर नवाजे जाने के पार्टी के निर्णय से शुरू से ही खुश नहीं थे. इसका कारण यह था कि पार्टी ने इस निर्णय में जयपुर शहर के भाजपा विधायकों (BJP MLA) की राय नहीं ली थी और न ही पूर्व विधायकों से पूछा गया था. यही कारण है कि जब नगर निगम ग्रेटर (Jaipur Greater Nagar Nigam) विवाद में पार्षदों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ तब पार्टी ने जयपुर शहर विधायक और पूर्व विधायकों की बैठक बुलाई. इसमें तीनों ही मौजूदा विधायकों के साथ कई पूर्व विधायक गायब रहे.
पढ़ें- राजाराम गुर्जर Viral Video मामले को भाजपा ने बताया षड्यंत्र, बीवीजी कंपनी ने भी किया खंडन
वायरल वीडियो के बाद स्थिति में परिवर्तन
बाद में प्रदेश संगठन महामंत्री चंद्रशेखर ने इन्हें फोन के जरिए मुलाकात के लिए कहा और उनकी नाराजगी दूर करने का प्रयास भी किया. तब तक ये सभी विधायक महापौर निलंबन के खिलाफ पार्टी के धरने-प्रदर्शन (Rajasthan BJP Protest) से बचते रहे, लेकिन इस बीच वायरल हुए राजाराम गुर्जर के वीडियो (Viral Video Of Rajaram Gurjar) के बाद स्थितियों में परिवर्तन हो गया. इसका एक बड़ा कारण इस वायरल वीडियो (Viral Video) में संघ के एक पदाधिकारी निंबाराम का नाम भी शामिल होना था.
पढ़ें- राजस्थान भाजपा अपने ही 'हरावल दस्ते' के विस्तार में अटकी, यह है पूरा मामला
संगठन के फोन पर कार्यक्रम में हुए शामिल
ऐसे में वायरल वीडियो (Viral Video) के बाद जब नगर निगम ग्रेटर (Greater Nagar Nigam) प्रकरण में जिला कलेक्टर को ज्ञापन देने का कार्यक्रम हुआ तो जयपुर से आने वाले तीनों ही विधायक संगठन के एक फोन पर इस ज्ञापन कार्यक्रम में शामिल हुए. मतलब महापौर पद को लेकर चल रही पुरानी नाराजगी को इन विधायकों ने संघ पर लगाए जा रहे आरोपों के कारण भुला दिया और संघ के बचाव में सभी विधायक पार्टी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने लगे.
पढ़ें- महापौर निलंबन मामला : सौम्या पर कार्रवाई को वसुंधरा, कटारिया ने बताया अलोकतांत्रिक, सरकार पर लगाए ये आरोप...
मन में पीड़ा लेकिन संघ के लिए सब एकजुट
जयपुर नगर निगम ग्रेटर महापौर प्रकरण में भाजपा के विधायकों को अपनी पुरानी नाराजगी जताने का पूरा मौका मिला. लेकिन वायरल वीडियो (Viral Video) में संघ पदाधिकारी की भूमिका पर उठ रहे सवालों के कारण विधायक इस पूरे मामले में अब एकजुट हो चुके हैं क्योंकि मामला जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का हो तो भाजपा (BJP) संघ के खिलाफ लगने वाले आरोपों का जवाब देने के लिए एकजुट हो जाती है. इस मामले में भी जयपुर शहर के भाजपा विधायकों (Jaipur BJP MLA) ने यही उदाहरण पेश किया है.
पढ़ें- EXCLUSIVE : जयपुर ग्रेटर निगम की निलंबित मेयर सौम्या गुर्जर ने कहा- कार्रवाई एकतरफा, अब खटखटाएंगे कोर्ट का दरवाजा
एकजुट नजर आ रही भाजपा
इस पूरे घटनाक्रम के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) सौम्या गुर्जर निलंबन (Somya Gurjar suspension) के खिलाफ एकजुट नजर आ रही है. लेकिन जयपुर शहर भाजपा विधायक और पूर्व विधायकों के मन में इस बात की नाराजगी आज तक कायम है कि संगठन ने जयपुर से नगर निगम बैठक और महापौर पद पर चयन से पहले विधायक और पूर्व विधायकों की राय नहीं ली.
पढ़ें- सौम्या गुर्जर का मामला अभी शांत नहीं हुआ कि पति ने कर ली 20 करोड़ की डील...Video Viral
वहीं, महापौर बनने के बाद सौम्या गुर्जर (Somya Gurjar) ने जयपुर शहर के विधायक या पूर्व विधायकों से भी लगातार संवाद नहीं रखा. शहर के कुछ विधायकों और पूर्व विधायकों ने ईटीवी भारत से यह बात साझा की है. मतलब यह कि दूरियां अभी भी है, लेकिन मौजूदा समय में उसे भुलाकर पार्टी एकजुटता का प्रदर्शन करने में जुटी है.