जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि निजी कॉलेज स्थापित करने के लिए शहरी और ग्रामीण क्षेत्र की भूमि के आकार में अंतर क्यों रखा गया है. न्यायाधीश अशोक गौड़ ने यह आदेश श्री राज राजेश्वरी शिक्षण समिति की याचिका पर दिए.
कॉलेज स्थापित करने के लिए ग्रामीण और शहरी क्षेत्र की भूमि के आकार में अंतर क्यों: हाईकोर्ट - राजस्थान सरकार
राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि निजी कॉलेज स्थापित करने के लिए शहरी और ग्रामीण क्षेत्र की भूमि के आकार में अंतर क्यों रखा गया है. मामले में एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.
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याचिका में अदालत को बताया गया कि प्रदेश में वर्ष 2014 तक निजी कॉलेज स्थापित करने के लिए 10 एकड़ भूमि की आवश्यकता निर्धारित की गई थी. वहीं, अब राज्य सरकार ने शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के लिए अलग-अलग आकार की भूमि होना निर्धारित कर दिया. उच्च शिक्षा विभाग की ओर से शहरी क्षेत्र में निजी कॉलेज स्थापित करने के लिए 2000 वर्गमीटर भूमि होना तय किया है. वहीं, ग्रामीण क्षेत्र में इस भूमि को 4 गुना बढ़ाकर आठ हजार वर्गमीटर कर दिया गया है.
याचिका में कहा गया कि कॉलेज स्थापित करने के लिए राज्य सरकार दोहरे मापदंड नहीं अपना सकती है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.