जयपुर.प्रदेश में होने वाले उपचुनाव को लेकर भाजपा ने चुनावी शंखनाद कर दिया है. हाल ही में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने सुजानगढ़ विधानसभा क्षेत्र में कार्यकर्ता सम्मेलन करके इसकी शुरुआत भी कर दी और अब गुरुवार और शुक्रवार को राजसमंद और सहाड़ा विधानसभा क्षेत्रों का भी दौरा कर सभाओं को संबोधित करेंगे, लेकिन सियासी गलियारों में इन दिनों चर्चा एक ही है कि आखिर उपचुनाव किसके नेतृत्व में लड़े जाएंगे या फिर इसमें किसका चेहरा आगे रखा जाएगा.
सियासत में इस तरह की चर्चा होना लाजमी भी है क्योंकि उपचुनाव के परिणाम ही तय करेंगे कि साल 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में मतदाताओं का रुख किसकी और होगा. ऐसे में इस उपचुनाव में जिन नेताओं के पसीने से भाजपा रूपी कमल का फूल खिलेगा उन नेताओं पर ही अगले विधानसभा चुनाव का बहुत कुछ दारोमदार रहेगा. यही प्रमुख कारण है कि भाजपा के सियासी गलियारों में यह चर्चा आम हो चुकी है कि उपचुनाव किसके नेतृत्व और चेहरे पर लड़ा जाएगा.
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चुनावी आगाज और दौरों की शुरुआत में केवल पूनिया ही आगे
जिस तरह सालासर बालाजी के दर्शनों के बाद पूनिया ने उपचुनाव का सियासी शंखनाद किया और सुजानगढ़ में कार्यकर्ता सम्मेलन को भी संबोधित किया. वो प्रदेश में भाजपा की ओर से उप चुनाव का आगाज ही था अब शुक्रवार और शनिवार को सतीश पूनिया राजसमंद और सहाड़ा विधानसभा क्षेत्र में भी चुनावी दौरा करके सभा और बैठक को संबोधित करेंगे. इसके सीधे तौर पर सियासी मायने यही है कि प्रदेश भाजपा की ओर से पार्टी के मुखिया पूनिया ने उपचुनाव की पूरी जिम्मेदारी अपने कंधों पर ले ली है और अपने परिश्रम का पसीना बहाना भी शुरू कर दिया है ताकि भाजपा का कमल उपचुनाव में खिल सके. हालांकि. यह अभी शुरुआत है और भाजपा के अन्य प्रदेश के नेता भी उपचुनाव में अपना पसीना भारतीय देखेंगे लेकिन उसकी रणनीति प्रदेश नेतृत्व ही तय करेगा.