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Special: कोरोना मरीज को किन हालातों में दी जाती है ऑक्सीजन थेरेपी, जानिए इस रिपोर्ट में... - Special Report

कोरोना के बढ़ते मामलों के साथ ही ऑक्सीजन के सिलेंडरों की कालाबाजारी भी बढ़ रही है. लोग कोरोना के डर से ऑक्सीजन का स्टॉक कर रहे हैं. कोरोना मरीज को किन हालातों में ऑक्सीजन थेरेपी दी जाती है. कैसे जानें की शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो रही है. पढ़ें खास रिपोर्ट...

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Published : Aug 22, 2020, 10:43 PM IST

जयपुर. प्रदेश में बीते कुछ समय से कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या में बड़ा इजाफा देखने को मिल रहा है. हर दिन 1000 से अधिक कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने आ रहे हैं. इसी बीच चिकित्सा विभाग ने एसिंप्टोमेटिक मरीजों को घर पर ही क्वॉरेंटाइन करना शुरू कर दिया है और पल्स ऑक्सीमीटर द्वारा क्वॉरेंटाइन किए गए मरीजों के ऑक्सीजन लेवल पर लगातार निगरानी रखी जा रही है. चिकित्सकों का कहना है कि गंभीर कोरोना पॉजिटिव मरीजों में ऑक्सीजन का लेवल धीरे-धीरे गिरना शुरू हो जाता है.

जयपुर में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है ऑक्सीजन का स्टॉक

वहीं कुछ शहरों में देखने को मिला है कि लोग ऑक्सीजन सिलेंडर खरीद रहे हैं. चिकित्सकों का भी कहना है कि फिलहाल जयपुर शहर में इस तरह के हालात उत्पन्न नहीं हुए हैं और ना ही चिकित्सकों की तरफ से यह सलाह दी जा रही है कि वे ऑक्सीजन सिलेंडर की खरीद करें और घर पर ही मरीजों को ऑक्सीजन उपलब्ध कराएं. हालांकि ऐसे मरीज जो लंबे समय से बीमार हैं और कोरोना के हालातों में उन्हें अस्पतालों में नहीं ले जाया जा सकता, उनको घर पर ही ऑक्सीजन उपलब्ध कराई जा रही है. लेकिन इस तरह के मरीजों की संख्या काफी कम है.

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गंभीर मरीजों को ऑक्सीजन की आवश्यकता

जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक अजीत सिंह का कहना है कि आमतौर पर गंभीर हालत में एडमिट होने वाले मरीजों को ऑक्सीजन उपलब्ध कराई जाती है. अगर कोई व्यक्ति पहले से किसी बीमारी से ग्रसित है और उसको कोरोना हो जाता है तो भी उन्हें गंभीर स्थिति में ही ऑक्सीजन उपलब्ध करवाई जाती है. पल्स ऑक्सीमीटर की मदद से कोरोना पॉजिटिव मरीजों की ऑक्सीजन लेवल पर लगातार निगरानी बनाई रखी जाती है. यदि ऑक्सीजन का लेवल कम होता है, तभी मरीज को ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ती है.

ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई है किसी की मौत

अतिरिक्त ऑक्सीजन से किसी तरह का नुकसान नहीं

डॉ. अजीत सिंह का कहना है कि आमतौर पर शरीर को जितनी ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है, वह वातावरण से ग्रहण करता है. लेकिन ऐसे मरीज जो दिल की बीमारी से पीड़ित है या अन्य कोई गंभीर बीमारी से पीड़ित है तो हालत बिगड़ने पर ऐसे मरीजों को ही ऑक्सीजन उपलब्ध कराई जाती है. यदि सामान्य मरीज या व्यक्ति चिकित्सक की देखरेख के बिना भी यदि ऑक्सीजन सिलेंडर से ऑक्सीजन ग्रहण करता है तो इससे किसी तरह का कोई नुकसान नहीं होता है. लेकिन चिकित्सक फिर भी जरूरत पड़ने और डॉक्टर की सलाह पर ही ऑक्सीजन लेने की बात कहते हैं.

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ऑक्सीजन सिलेंडर की उपलब्धता

राजधानी जयपुर में ऑक्सीजन सिलेंडर की उपलब्धता की बात की जाए तो सबसे बड़े सवाई मानसिंह अस्पताल में करीब एक हजार ऑक्सीजन सिलेंडर हर दिन उपयोग में लाए जाते हैं. अस्पताल प्रशासन का कहना है कि फिलहाल ऑक्सीजन सिलेंडर की जयपुर में किसी तरह की कोई कमी नहीं है. यही नहीं अन्य निजी और सरकारी अस्पतालों में भी ऑक्सीजन सिलेंडर की सप्लाई जारी है.

शहर में ऑक्सीजन इकाइयां

जयपुर में यदि ऑक्सीजन इकाइयों की बात की जाए तो शहर के हर कोने में बड़ी संख्या में ऑक्सीजन इकाइयां बनाई गई हैं. अकेले सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज से जुड़े अस्पतालों में करीब 3000 से अधिक ऑक्सीजन सिलेंडर उपयोग में आते हैं तो वहीं निजी अस्पतालों में भी बड़ी संख्या में हर दिन ऑक्सीजन सिलेंडर की सप्लाई की जाती है. हालांकि कोरोना पॉजिटिव मरीज की मौत ऑक्सीजन की अनुपलब्धता के चलते हुई हो ऐसा कोई मामला फिलहाल देखने को नहीं मिला है.

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