सरकारी नुमाइंदों के घर पहुंच रहा गरीबों का गेहूं, नोटिस मिला तो पैसे जमा कराने पहुंचे कर्मचारी - rajasthan news
जयपुर में सरकारी कर्मचारी खाद्य सुरक्षा योजना में अवैध तरीके से अपना नाम जुड़वाकर कई सालों से गरीबों के हक का गेंहू उठा रहे है. विभाग ने ऐसे 53 कर्मचारियों को नोटिस जारी किए हैं. वहीं अगर एधिकारियों ने समय रहते पैसा जमा नहीं कराया तो इनके वेतन में से कटौती की जाएगी.
सरकारी नुमाइंदों के घर पहुंच रहा गरीबों का गेहूं
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Published : Mar 3, 2020, 8:45 PM IST
जयपुर.गरीबों के लिए बनी खाद्य सुरक्षा योजना में सरकारी कर्मचारियों ने भी अपने नाम जुड़वा लिए है और गरीबों के हक का गेहूं डकार रहे हैं. विभाग ने जब जांच की तो ऐसे कर्मचारियों की पहचान हुई जो खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ ले रहे थे. इनके घर खाद्य सुरक्षा योजना का दो रुपये किलो गेहूं पहुंच रहा था. ऐसे में विभाग ने ऐसे 53 कर्मचारियों को नोटिस जारी किए हैं.
सरकारी नुमाइंदों के घर पहुंच रहा गरीबों का गेहूं
जयपुर जिले के यह सरकारी कर्मचारी खाद्य सुरक्षा योजना का कई सालों से लाभ ले रहे हैं. रसद विभाग ने 53 लोगों को वसूली का नोटिस भी जारी किया है. यदि इन लोगों ने पैसा जमा नहीं कराया तो इनके वेतन में से कटौती की जाएगी. इसी डर से कुछ कर्मचारी विभाग में पैसा जमा कराने के लिए चक्कर काट रहे हैं.
कुछ कर्मचारियों ने चालान के जरिए सीधे ही बैंक खाते में पैसा भी जमा करा दिया है. बता दें कि इसके लिए विभाग नकद में राशि जमा नहीं कर रहा है. सरकारी नुमाइंदे चालान के जरिए बैंक खातों में ही वसूली के पैसे जमा करा रहे हैं. विभाग इन कर्मचारियों से 27 रुपये किलो गेहूं के हिसाब से पैसा वसूल रहा है. इनमें से 8 कर्मचारियों ने पैसे भी जमा करा दिए हैं. इन कर्मचारियों में ऐसे कर्मचारी भी है जो बीएसएनएल और पुलिस विभाग में है.
जिला रसद विभाग ने खाद्य सुरक्षा योजना में पात्र-अपात्र व्यक्तियों की जानकारी जुटाई. उनके राशन कार्ड नंबर, भामाशाह कार्ड की जांच संबंधित भू-अभिलेख और पटवारी द्वारा करवाई. इस जांच में ऐसे नाम सामने आए जो अपात्र थे, साथ ही सरकारी नौकरी में भी लगे हुए थे. इन सभी से पहले स्पष्टीकरण मांगा गया और फिर इनसे वसूली का निर्णय किया गया. इन सभी लोगों को खाद्य सुरक्षा योजना से बाहर कर दिया गया है.
कागजों में हेरफेर कर उठाया लाभ
खाद्य सुरक्षा में नाम जुड़वाने वाले इन सरकारी नुमाइदों ने खुद को गरीब बताया और यहां तक कि अपने घर में गैस कनेक्शन तक नहीं होने की जानकारी दी. इन लोगों ने कागजों में हेरफेर कर दो रुपए प्रति किलो वाला गेहूं उठा लिया. यह लोग अच्छे घरों में रह रहे हैं, साथ ही गरीबों का निवाला भी निगल रहे हैं. इस सूची में ऐसे भी कर्मचारी हैं जो सरकारी कर्मचारी रह चुके हैं और अब रिटायर होने के बाद पेंशन का लाभ भी ले रहे हैं.