जयपुर. जयपुर विकास प्राधिकरण आयुक्त गौरव गोयल की अध्यक्षता में हुई कार्यकारी समिति की बैठक में वेस्ट वे हाइट योजना के अलावा सेक्टर व्यवसायिक भू-पट्टी के प्रकरणों में जयपुर विकास प्राधिकरण अधिनियम 1982 की धारा 44, 90क और एकल पट्टा कार्रवाई में समरूपता लाने के लिए नीति निर्धारण, नवीन एसओपी, चेक लिस्ट और परिपत्र जारी किए जाने की स्वीकृति प्रदान की गई. इसके साथ ही स्मार्ट सिटी फेस 1,2,3 के तहत जयपुर शहर में विभिन्न स्थानों पर स्थापित स्मार्ट सॉल्यूशन उपकरणों के संचालन और रखरखाव के लिए निविदा प्रपत्र का अनुमोदन किया गया.
वहीं नए भूमि अवाप्ति अधिनियम 2013 की धारा 24(2) के आधार पर खातेदारों द्वारा अवाप्ति को चुनौती दी गई. 25 याचिकाएं उच्च न्यायालय में विचाराधीन हैं. इनमें से अधिकांश के विकल्प पत्र अनुसार यथासंभव विकसित भूमि दिए जाने की स्थिति में उच्च न्यायालय में लंबित अवाप्ति को चुनौती देने वाली याचिकाओं को वापस लेने के लिए सहमति बनी. वहीं ऐसे प्रकरण जिनमें खातेदारों को लॉटरी के माध्यम से विकसित भूमि का आवंटन पत्र/पट्टा जारी कर दिया गया है.
लेकिन मौके पर कब्जा नहीं लेने के कारण अथवा आवंटित भूखंडों की लोकेशन से संतुष्ट नहीं होने के कारण खातेदारी द्वारा न्यायालय में याचिका दायर कर स्थगन प्राप्त कर लिया गया है. और खातेदार की भूमि का कब्जा प्राप्त ना होने के कारण क्षेत्र में योजना विकसित नहीं हो पा रही है. ऐसे में नगरीय विकास विभाग मुआवजे के बदले 15/25% विकसित भूमि उसी योजना में से आवंटित करने और यदि संभव नहीं हो तो कारण अंकित करते हुए, उसके समकक्ष/समतुल्य भूमि से आवंटित करने के निर्देश हैं.