जयपुर. कोरोना संक्रमण के इस भयावह दौर में इस महामारी के व्यापक प्रभाव और बचाव के लिए जरूरी उपायों को लेकर गुरुवार को राजस्थान विश्वविद्यालय की ओर से वेबीनार का आयोजन किया गया. इसमें विद्यार्थियों, शिक्षकों और कर्मचारियों को कोरोना संक्रमण से बचाने के उपायों पर जोर दिया गया.
पढ़ेंःजयपुर एयरपोर्ट पर यात्री बैग से पकड़ा गया 16 लाख का सोना
इस वेबीनार में विश्वविद्यालय के एलोपैथी, होम्योपैथी और आयुर्वेद से जुड़े हुए चिकित्सकों द्वारा कोरोना के प्रारंभिक लक्षणों और इसके पश्चात उत्पन्न होने वाली गंभीर स्थिति से निपटने से जुड़ी सावधानियों के बारे में आवश्यक उपायों पर चर्चा की गई. इसके साथ ही प्रारंभिक स्तर पर ही इसके रोकथाम के उपाय भी सुझाए गए.
चिकित्सकों का कहना है कि इस बीमारी के प्रारंभिक लक्षणों से विचलित होने के बजाय दृढ़ता के साथ आवश्यक चिकित्सकीय उपायों पर ध्यान देने की आवश्यकता है. एलोपैथी, होम्योपैथी और आयुर्वेद की चिकित्सा पद्धतियों में इस बीमारी से निपटने के सभी आवश्यक उपायों की जानकारी विशेषज्ञ डॉक्टर्स ने साझा की. डॉक्टर्स का कहना है कि इस बीमारी के प्रारंभिक लक्षणों के साथ ही उपचार में सतर्कता बरतने पर इसकी गंभीरता को रोका जा सकता है.
पढ़ेंःराजस्थान : कोरोना संक्रमण के बीच बर्ड फ्लू की आशंका, पाली में 10 मोरों की मौत
विश्वविद्यालय स्वास्थ्य केंद्र के एलोपैथिक चिकित्सक डॉ. श्याम मित्तल, होम्योपैथ डॉक्टर सीनू गुप्ता और आयुर्वेद के डॉक्टर रूपराज भारद्वाज ने संक्रमण से जुड़ी गंभीरता और चिकित्सा उपायों की विस्तार से जानकारी दी. कुलपति प्रोफेसर राजीव जैन के निर्देशन से आयोजित इस वेबीनार में विश्वविद्यालय के शिक्षकों, कर्मचारियों और विद्यार्थियों ने भाग लिया. इस वेबीनार का संयोजन प्रो. मधु जैन की ओर से किया गया. इसके साथ ही विश्वविद्यालय की ओर से आगे भी समय-समय पर ऐसे वेबीनार के माध्यम से शिक्षकों, कर्मचारियों और विद्यार्थियों को जानकारी देने का फैसला भी लिया गया.