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तीखो तावड़ो : पूरे राजस्थान में 'लू' के थपेड़ों का कहर, 10 जिलों में अलर्ट...जानिए कब मिलेगी राहत

राजस्थान में मानसून (Monsoon In Rajasthan) की बेरुखी के चलते सूर्य ने अपने तेवर तेज कर दिए हैं. प्रदेश इन दिनों लू (Heat Wave) की चपेट में है. मौसम विभाग (IMD Rajasthan) ने प्रदेश के 10 जिलों में लू को लेकर अलर्ट जारी कर रखा है. वहीं पूरे उत्तर भारत में 7 जुलाई से पहले मानसूनी बारिश होने के कोई आसार नहीं हैं. मानसून ब्रेक (Monsoon Break) किसानों की चिंता भी बढ़ गई है.

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Published : Jul 2, 2021, 11:45 AM IST

जयपुर.राजस्थान के कुछ जिलों को छोड़कर सभी जगह तापमान 40 डिग्री के पार चला गया है. पश्चिमी राजस्थान के लगभग सभी जिलों में लू का कहर देखने को मिल रहा है. भारत मौसम विज्ञान विभाग का कहना है कि उत्तर राजस्थान में अगले दो दिन तक लू की स्थिती बनी रहने की संभावना है. वहीं बारिश के लिए 7 जुलाई तक इंतजार करना होगा. इसके बाद ही मॉनसून सक्रिय होने की संभावना बनेगी.

अगले दो दिन तक पड़ेगी भीषण गर्मी- भारतीय मौसम विज्ञान विभाग

IMD के मुताबिक बृहस्पतिवार को पूर्वोत्तर राजस्थान के अलग-अलग क्षेत्रों में भीषण 'लू' का कहर देखने को मिला. मौसम विभाग के मुताबिक अरब सागर से उत्तर पश्चिम भारत की ओर वायुमंडल के निचले हिस्से में संभावित शुष्क पछुआ/दक्षिण पछुआ हवाओं के कारण अगले दो दिनों तक लू की स्थितयां बनी रहने की संभावना है. ऐसे में तापमान भी सामान्य से अधिक रह सकता है.

गर्मी दिखा रही तेवर, 10 जिलों में लू अलर्ट

मौसम विभाग ने गुरुवार से पूर्वी और पश्चिमी राजस्थान के 10 जिलों में लू चलने को लेकर अलर्ज जारी किया है. इनमें कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, सीकर, झुंझुनूं, अलवर, चूरू, बीकानेर, गंगानगर व हनुमानगढ़ जिलों में लू चलने की संभावना है. इसके साथ ही इन जिलों में 20 से 30 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गर्म हवाएं चल सकती हैं.

जानें क्या है असली वजह

जयपुर स्थित मौसम विज्ञान केन्द्र के अनुसार जुलाई माह के पहले सप्ताह में मौसम शुष्क रहेगा. इसके पीछे असली वजह है कमजोर पूर्वी हवाएं और तेज पश्चिमी हवाएं. मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो पश्चिम से पूर्व की ओर आने वाली हवाएं गर्म होती हैं जिससे मौसम शुष्क होता है. जबकि पूर्व की हवाएं मानसून को सक्रिय करती हैं और बारिश होती है. यही वजह है कि करीब 10 दिन पहले पहुंचने के बावजूद अभी तक मानसूनी बारिश से राजस्थान के अधिकांश जिले अछूते हैं.

किसानों की बढ़ी चिंता

मानसून प्रवेश की शुरूआत से पश्चिमी राजस्थान में बारिश के बावजूद अब ब्रेक मानसून स्थिति से कृषि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. खरीफ फसल की बुवाई लगभग पूरी हो चुकी है. फसलों को सिंचाई के लिए बारिश की दरकार है. प्रदेश के जोधपुर, बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर, जालोर, पाली, राजसमंद, सिरोही और नागौर में किसान ज्यादा चिंतित हैं. खेतों में खड़ी फसलें बारिश की बाट जोह रही हैं लेकिन अभी तक पर्याप्त वर्षा नहीं हुई है. मेवाड़ और वागड़ में भी कमोबेश यही स्थिति है.

सामान्य से कम रह सकती है औसत बारिश

मौसम विज्ञान केंद्र जयपुर के अनुसार मानसून रेखा बाड़मेर, भीलवाड़ा और धौलपुर जिलों से गुजर रही है. मानसून के लिए फिलहाल परिस्थितियां अनुकूल नहीं हैं. ऐसे में 7 जुलाई तक मौसम मौसम शुष्क रहने की संभावना है. इसका असर प्रदेश में हर साल होने वाली औसत बारिश पर भी पड़ेगा. मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार इस बार सामान्य से कम या फिर सामान्य औसत बारिश की संभावना है.

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