जयपुर.प्रदेश में वन कर्मियों पर हमले की वारदातें थमने का नाम नहीं ले रही हैं. आए दिन जंगलों की सुरक्षा करने वाले वन कर्मियों पर हमले होने की घटनाएं सामने आ रही हैं. ऐसे में वन कर्मियों की सुरक्षा को लेकर अब सवाल उठने लगे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने भी निहत्थे वन अधिकारियों और वन कर्मियों पर होने वाले हमले पर गंभीर चिंता व्यक्त की है. सुप्रीम कोर्ट की ओर से राज्य सरकारों से वन रक्षकों को हथियार और बुलेट प्रूफ जैकेट देने को कहा गया है.
जंगल और वन्य जीवों की सुरक्षा करने वाले वन कर्मियों को दिए जाएं हथियार जंगलों में वन और वन्य जीवों की सुरक्षा करने वाले वन रक्षकों को जल्दी से कोई सहायता भी नहीं मिल पाती है. वहीं, वन कर्मी और वन अधिकारियों के पास सशस्त्र शिकारियों के खिलाफ एक्शन लेने का भी बहुत कम मौका होता है. ऐसे में वह पुलिस को भी मदद के लिए फोन नहीं कर पाता है. इसके अलावा वन रक्षकों के पास स्वयं की रक्षा के लिए भी हथियार नहीं होते हैं. ऐसे में कई बार वन रक्षकों को हमले का शिकार होना पड़ता है. ऐसे में जंगलों में तस्करी के मामले भी बढ़ रहे हैं और शिकारी वन्य जीवों की तस्करी कर रहे हैं.
ऐसे में वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के पास भी हथियार होने चाहिए. वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट जॉय गार्डनर ने बताया कि वन रक्षकों को ना तो गन जाती है ना ही उन्हें गन चलाने की परमिशन होती है. अगर वन विभाग के फील्ड स्टाफ को गन दी जाए तो वह सुरक्षा अच्छे से कर पाएंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि कई जगह पर खनन माफिया और शिकारी वन कर्मियों पर हमला कर देते हैं. ऐसे में खुद की सुरक्षा के लिए भी वन कर्मियों के पास हथियार नहीं रहते.
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ऐसे में वन कर्मी हमले का शिकार हो जाते हैं. वन कर्मचारियों को ग्राउंड लेवल पर ट्रेनिंग देकर हथियार मुहैया करवाने चाहिए. जंगलों पर वन कर्मचारियों पर हमले होने की घटनाएं हो रही है. साथ ही दो साल पहले सरिस्का टाइगर रिजर्व में एक फॉरेस्ट गार्ड और एक होमगार्ड को गोली मार दी गई थी. अगर वन कर्मचारियों को आधार हथियार दे दिए जाए तो, ऐसी घटनाओं पर लगाम लग सकती है. वाइल्ड लाइफर पर आशीष मेहता ने बताया कि शिकारी वन कर्मियों पर हमला कर देते हैं. ऐसे में वन कर्मियों के पास बचाव के लिए कोई सुरक्षा उपकरण या हथियार भी नहीं होते हैं. जिससे जंगलों में शिकार और तस्करी की घटनाएं बढ़ रही है. ऐसे में वन विभाग के कर्मचारियों को हथियार दिए जाने चाहिए ताकि जंगलों के साथ खुद की भी सुरक्षा कर सकें.