राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

बारिश के पानी से खराब हो गई निगम की फाइलें, जवाब देने से बचते नजर आए जिम्मेदार

जयपुर नगर निगम के बेसमेंट में बने स्टोर रूम में सैकड़ों फाइलें बारिश के पानी की वजह से खराब हो गई. बीते दिनों हुई बारिश के कारण यहां जलजमाव की भी स्थिति देखने को मिली. वहीं खुद मेयर और कमिश्नर ने इसका मौका मुआयना भी किया. लेकिन यहां के बिगड़े हालातों पर दोनों कुछ भी कहने से बचते हुए नजर आए.

By

Published : Jul 30, 2019, 9:56 PM IST

नगर निगम के स्टोर रूम का मेयर और कमिश्नर ने लिया जायजा

जयपुर. आपने दिया तले अंधेरा वाली कहावत तो सुनी होगी. कुछ ऐसे ही हालात जयपुर नगर निगम के हैं. बारिश के दौरान जलजमाव को लेकर निगम प्रशासन के पास सैकड़ों शिकायतें आई, लेकिन शायद निगम के बेसमेंट में हुए जलजमाव की शिकायत करने वाला कोई ना था. यही वजह रही कि यहां बेसमेंट में बने स्टोर रूम में पानी भर गया. जिससे सैकड़ों फाइलें खराब हो गई.

नगर निगम के स्टोर रूम का मेयर और कमिश्नर ने लिया जायजा

इसी का जायजा लेने के लिए मंगलवार को मेयर विष्णु लाटा और निगम कमिश्नर विजय पाल सिंह भी पहुंचे. यहां स्टोर में पानी भरने, दीवारों में सीलन आने जैसी कई अनियमितताएं देखने को मिली. इसके अलावा यहां लगे हुए फायर एक्सटिंगुशर भी आउट ऑफ डेट थे. लेकिन निगम प्रशासन के कद्दावर इन्हें नजरअंदाज करके दोबारा अपने एसी रूम में जाकर बैठ गए. इस संबंध में जब कमिश्नर से बात करनी चाही तो उन्होंने मीटिंग का हवाला देकर मिलने से मना कर दिया.

यह भी पढ़ें : पिछली सरकार की तरह 5 साल नहीं लटकाएंगे संविदा कर्मियों का मामला : मंत्री डोटासरा

वहीं मौके पर कर्मचारियों को लताड़ लगाने वाले मेयर विष्णु लाटा ये कहकर बचने लगे कि उन्हें इस बात का पता नहीं और बाद में उन्होंने इस बारे में कमिश्नर से पूछने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश की.

यह भी पढ़ें : सदन में दुष्कर्म पीड़िता के थाने में आत्मदाह मामले पर हंगामा, दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग

उधर, फायर समिति के चेयरमैन भगवत सिंह देवल ने कहा कि स्टोर की हालत बहुत दयनीय है. उन्होंने वहां दो ट्रॉली पड़े कचरे को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों पर सवाल खड़े किए और कहा कि शायद ये कचरा उनके स्टॉक में है. उन्होंने कहा कि यहां फायर सिस्टम भी खराब है और अधिकारी अपनी एसी रूम में बैठे रहते हैं.

निगम में हर दिन सैकड़ों लोग अपनी फरियाद लेकर पहुंचते हैं. एक फाइल बनती है, जिसे आखिर में स्टोर रूम की खाक छाननी पड़ती है और जयपुर नगर निगम में तो ये बारिश के पानी से भी खराब हो जाती है. इन सबके बावजूद जिम्मेदार एक दूसरे पर टालते हुए अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ बैठ जाते हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details