जयपुर.राजधानी में अब जल्द 700 टन कचरे को एनर्जी में कन्वर्ट करने वाला वेस्ट टू एनर्जी प्लांट और बिल्डिंग (Waste to energy and c&d waste plant in jaipur ) मटेरियल वेस्ट को निस्तारित कर ब्रिक्स बनाने वाला c&d वेस्ट प्लांट धरातल पर उतरेगा. इसे लेकर प्रशासन के सामने आ रही फंडिंग की समस्या दूर होने के बाद अब लैंड लीज एग्रीमेंट का काम फाइनल स्टेज पर चल रहा है. इन प्रोजेक्ट को धरातल पर उतारने के बाद एमआरएफ और बायो सीएनजी प्लांट पर भी काम किया जाएगा.
राजधानी में कचरा ट्रांसफर स्टेशन और मुख्य डंपिंग यार्ड पर कचरे का पहाड़ बनता जा रहा है, जिससे पर्यावरण के साथ-साथ जमीन भी खराब हो रही है. आलम ये है कि राजधानी में करीब 12 क्यूबिक मीटर कचरा जमा है. इस कचरे के सेग्रीगेशन और रीसाइक्लिंग के लिए अब जयपुर के दोनों नगर निगम स्मार्ट सिटी और एसबीएम-2 की फंडिंग से नए प्लांट लगाने की तैयारी की जा रही हैं. राजधानी में हर दिन करीब 1500 टन कचरा जनरेट हो रहा है, लेकिन इस कचरे को सेग्रीगेट कर रिसाइकिल करने के लिए सिर्फ 350 टन का एक आरडीएफ प्लांट ही है.
बायो सीएनजी प्लांट को लेकर पीपीपी बेस पर प्रोजेक्ट बनाया गया:अब 700 टन के कचरे को निस्तारित करने के लिए वेस्ट टू एनर्जी प्लांट और इसके साथ ही अगले 6 महीने में C&D वेस्ट का प्लांट भी तैयार हो जाएगा. इसे लेकर स्मार्ट सिटी के सीईओ और हेरिटेज नगर निगम के कमिश्नर अवधेश मीणा ने बताया (commissioner meena on waste management) कि वेस्ट टू एनर्जी प्लांट और c&d वेस्ट प्लांट को लेकर फंडिंग की प्रॉब्लम आ रही थी, जिसे एसबीएम 2 और स्मार्ट सिटी के जरिए निस्तारित कर लिया गया है. इनके लैंड लीज एग्रीमेंट का काम फाइनल स्टेज में है. जहां तक एमआरएफ प्लांट की बात है, उसकी आवश्यकता का एसेसमेंट किया जाएगा, वहीं बायो सीएनजी प्लांट को लेकर पीपीपी बेस पर प्रोजेक्ट बनाया गया है. इस संबंध में केंद्र सरकार को फंडिंग के लिए भेजा गया है.