जयपुर.जयपुर में कांग्रेस की महंगाई हटाओ महारैली (Congress rally in Jaipur ) रविवार को होगी. इसी बीच राजस्थान में 4 जिलों में पंचायती राज चुनाव के पहले चरण की वोटिंग (Panchayati Raj elections in four districts of Rajasthan) भी रविवार को ही होनी है. इन चुनावों में सरकार के 3 मंत्रियों और 7 विधायकों की साख दांव पर है. कहा ये भी जा रहा है कि कांग्रेस की रैली का असर पंचायत चुनाव की वोटिंग पर पड़ेगा.
राजस्थान में एक तरफ 12 दिसंबर को महंगाई के खिलाफ कांग्रेस की रैली है तो दूसरी तरफ राजस्थान के करौली, कोटा, बारां और श्रीगंगानगर जिलों के पंचायती राज चुनावों के अंतर्गत जिला परिषद और पंचायत समिति चुनाव के पहले चरण का मतदान (Voting for the first phase) भी होगा. सत्ताधारी दल कांग्रेस पुरजोर तरीके से रैली की तैयारियों में लगा है, ऐसे में इन पंचायत राज चुनाव के पहले चरण के मतदान पर इसका प्रभाव पड़ना तय है.
क्योंकि इन जिलों से आने वाले जिन मंत्रियों और विधायकों के कहने पर टिकट दिए गए हैं, वे मंत्री तो प्रभारी मंत्री के तौर पर दूसरे जिलों में रैली की तैयारियों में जुटे हुए हैं. विधायक भी रैली के लिए ज्यादा से ज्यादा संख्या में भीड़ जुटाने की कवायद में लगे हैं. ऐसे में प्रत्याशियों को पहले चरण में पार्टी का कोई सहयोग नहीं मिलेगा.
इन मंत्रियों की साख दांव पर
4 जिलों में होने जा रहे पंचायती राज चुनाव में केवल श्रीगंगानगर ऐसा जिला है जहां से कोई भी मंत्री नहीं है. इसके अलावा कोटा से शांति धारीवाल, बारां जिले से प्रमोद जैन भाया और करौली जिले से रमेश मीणा मंत्री हैं. मंत्री शांति धारीवाल के पास जयपुर जिले की जिम्मेदारी है, जहां महंगाई के खिलाफ रैली होने जा रही है. प्रमोद जैन भाया के पास झालावाड़ जिले का प्रभार है. जबकि रमेश मीणा भरतपुर जिले के प्रभारी हैं. ऐसे में ये तीनों मंत्री अभी अपने प्रभार वाले जिलों में ज्यादा सक्रिय हैं. जिसके चलते उनके खुद के जिलों में होने जा रहे पंचायत चुनाव प्रभावित होना तय हैं.
जहां चुनाव नहीं, वहां सक्रिय हैं विधायक
बारां में पहले चरण का मतदान
बारां जिले में 4 विधानसभा सीटें आती हैं. इनमें अंता से कांग्रेस के प्रमोद जैन भाया, बारां-अटरू से कांग्रेस के पानाचंद मेघवाल और किशनगंज से कांग्रेस की निर्मला सहरिया विधायक हैं. बारां जिले की 4 में से केवल 1 सीट छबड़ा पर भाजपा के प्रताप सिंह विधायक हैं. पंचायती राज चुनाव के पहला चरण का मतदान 12 दिसंबर को है, ऐसे में मंत्री अपने प्रभार वाले जिले झालावाड़ में व्यस्त हैं, तो वहीं बाकी तीन विधायक भी उन क्षेत्रों में ज्यादा सक्रिय हैं जहां चुनाव नहीं है. क्योंकि उन्हें वहीं से भीड़ जयपुर लेकर आनी होगी.