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प्रदेश में जल जीवन मिशन के तहत हर गांव में 'ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति' का होगा गठन

जलदाय विभाग के प्रमुख शासन सचिव ने बुधवार को जल जीवन मिशन को लेकर बैठक ली. बैठक के दौरान यह तय किया गया कि जल जीवन मिशन के तहत ग्राम स्तरीय समितियों का गठन किया जाएगा. ये समितियां राज्य के गांवों में विलेज वाटर और सेनिटेशन प्लान तैयार करेगी. साथ ही बैठक में नागौर फ्लोरोसिस मैनेजमेन्ट प्रोजेक्ट को लेकर भी प्रस्तुतीकरण दिया गया.

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जलदाय विभाग की बैठक

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Published : Apr 29, 2020, 8:35 PM IST

जयपुर. प्रदेश में जल जीवन मिशन के तहत ग्राम स्तरीय समितियों का गठन किया जाएगा. ये समितियां राज्य के गांवों में विलेज वाटर और सेनिटेशन प्लान तैयार करेगी. जलदाय विभाग के प्रमुख शासन सचिव राजेश यादव ने बुधवार को झालाना स्थित जल एवं स्वच्छता सहयोग संगठन के कार्यालय में जल जीवन मिशन की बैठक में सपोर्ट गतिविधियों के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. इसके लिए आगामी मई माह में निविदा जारी की जाएगी.

यादव ने बैठक के दौरान अधिकारियों की ओर से दी गयी प्रस्तुति को देखा. जिसके बाद जल जीवन मिशन के अन्तर्गत ग्राम आधारित सहयोग गतिविधियों के संचालन के लिए स्वयंसेवी संस्थाओं/कम्पनियों का चयन कर, जन सहभागिता के आधार पर गांवों में प्रत्येक घर में नल से जल पहुंचाने के कार्यक्रम को समयबद्ध रूप से क्रियान्वित करने के निर्देश दिए. उन्होंने इस योजना के संचालन के प्रस्ताव की अनुमति प्रदान करते हुए इसके कार्य की निविदा मई माह में जारी करने के निर्देश दिए.

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प्रमुख शासन सचिव ने बैठक में अधिकारियों के साथ वित्तीय वर्ष 2020-21 में जल जीवन मिशन के तहत संचालित की जाने वाली सपोर्ट गतिविधियों के प्लॉन पर विस्तार से चर्चा की गई. इसके तहत प्रत्येक गांव में एक ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति का गठन किया जाएगा. यह समिति गांव की पेयजल योजनाओं के निर्माण और संचालन का कार्य करेगी. प्रदेश में चालू वित्तीय वर्ष में ऐसी 5000 समितियों के गठन का लक्ष्य रखा गया है.

नागौर में फ्लोरोसिस मैनेजमेन्ट प्रोजेक्ट

बैठक में नागौर फ्लोरोसिस मैनेजमेन्ट प्रोजेक्ट के सम्बंध में भी प्रस्तुतीकरण दिया गया. प्रमुख शासन सचिव राजेश यादव ने विचार विमर्श के दौरान शीघ्र ही इस योजना को शुरू करने के लिए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए. बैठक में बताया गया कि यह परियोजना नागौर जिले के 986 गांव और 7 ब्लॉक में क्रियान्वित की जाएगी. इसके तहत बच्चों और बुजुर्गों की फ्लोरोसिस स्क्रीनिंग और सामुदायिक प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके अलावा जिले के एएनएम, आशा एवं चिकित्सकों को भी प्रशिक्षित किया जाएगा. नागौर में योजना के तहत 5 फ्लोरोसिस जांच केन्द्रों की भी स्थापना होगी.

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बैठक में प्रमुख शासन सचिव ने अधिकारियों को विभाग के अभियन्ताओं, प्लम्बर, ईलेक्ट्रिशियन और हैण्डपम्प मिस्त्रियों के प्रशिक्षण के लिए भी रूपरेखा बनाने के निर्देश दिये. बैठक में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के मुख्य अभियन्ता (शहरी एवं एनआरडब्ल्यू तथा स्पेशल प्रोजेक्ट्स) सी. एम. चौहान ने प्रदेश में गर्मियों में पेयजल आपूर्ति और व्यवस्था के सम्बंध में अब तक की गई कार्रवाई के बारे में विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया. जिसमें बताया कि गर्मियों में पूरे प्रदेश में पेयजल की सुचारू आपूर्ति के लिए विभाग की पूरी तैयारी है. बैठक में डब्ल्यूएसएसओ के निदेशक अमिताभ शर्मा के अलावा ईएसटीआई के प्रतिनिधि और अन्य सम्बंधित अधिकारी, कंसलटेंटस और कार्मिक उपस्थित रहें.

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