जयपुर. राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी की नाराजगी और तल्खी का नजारा बुधवार को सदन में देखने को मिला. भाजपा-कांग्रेस के हंगामे को शांत कराने आए जोशी ने सत्ता पक्ष के ही सदस्यों के रवैया से नाराज होकर सदन में यह तक कह दिया कि आप मुझे अध्यक्ष रखें तो ठीक, वरना पद से हटा दीजिए, कोई तकलीफ नहीं.
इसके बाद नाराज जोशी ने सदन की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया. दरअसल सदन में राजस्थान विवाह अनिवार्य रजिस्ट्रीकरण संशोधन विधेयक 2021 पर चर्चा के दौरान हंगामा हुआ था. सदन की कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी गई थी. इसके बाद वापस कार्यवाही शुरू हुई तो खुद विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी ने आसन संभाला.
सदन में हंगामे से नाराज हो गये स्पीकर सीपी जोशी जोशी ने इस दौरान यह भी कहा कि आज अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस है. हम सब को लोकतंत्र की मर्यादा रखना चाहिए. उन्होंने कहा सदन में परंपराओं और लोकतंत्र की मर्यादाओं को निभाने की जिम्मेदारी सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों की है. लेकिन आज जिस तरह बिल पर चर्चा और बहस हुई, उसे देखकर ऐसा लग रहा था मानो अनुदान मांगों पर बहस चल रही हो.
जोशी ने कहा कि बिल पर उससे जुड़े विषय पर ही चर्चा होनी चाहिए, लेकिन विषय से अलग भी बोला गया, जो सदन की गरिमा के खिलाफ है. हालांकि जोशी ने कहा कि पूर्व में जो कुछ हुआ, उसे भूल कर अब मैं चाहूंगा कि आप सब शांति और नियमों के तहत बिल पर चर्चा करें. तब जोशी ने चर्चा के लिए राजेंद्र राठौड़ का नाम पुकारा.
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राजेंद्र राठौड़ खड़े ही हुए थे कि सत्ता पक्ष से परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास कुछ बोलने के लिए खड़े हो गए. इस पर जोशी ने नाराजगी भरे स्वर में उन्हें बैठने के निर्देश दिए. यह भी कहा कि वे आसान पर हैं, ऐसे में किसी को भी बीच में बोलने की आज्ञा नहीं देंगे. जोशी ने इस दौरान यह भी चेतावनी दी कि आप लोग नहीं माने तो मैं सदन की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दूंगा और सदन से उठकर चला जाऊंगा.
विधानसभा अध्यक्ष की नाराजगी को देखकर सदन में मौजूद संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल अपनी सीट से खड़े हुए और कहा कि आपका आदेश सर माथे, धारीवाल कुछ और बोलने लगे तो सीपी जोशी भड़क गए. जोशी ने सदन में यह तक कह दिया कि आप मुझे अध्यक्ष रखें तो ठीक, वरना हटा दें, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता, यह आपका अधिकार है, लेकिन सदन की कार्यवाही में इस प्रकार का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं करूंगा. नाराज सीपी जोशी ने इस दौरान विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने का भी ऐलान कर डाला.
बीएसी में 18 सितंबर तक तय हुआ था सदन का कामकाज
विधानसभा के कार्य सलाहकार समिति की बैठक में आगामी 18 सितंबर तक विधानसभा का कामकाज तय किया गया था. इस दौरान जो विधेयक सदन में चर्चा के लिए रखकर पारित किए जाने वाले थे, वह भी तय कर लिए गए थे. लेकिन बुधवार को जिस प्रकार का हंगामा हुआ और विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी का सख्त होते हुए सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी, इसके चलते जो बिल चर्चा के लिए रखकर पारित किए जाने वाले थे, वे अब अधर झूल में लटक गए.