जयपुर.अलवर में विमंदित बालिका प्रकरण (Alwar mentally retarded girl case) में चल रही सियासत में अब विश्व हिंदू परिषद ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी है. अब तक भाजपा इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग कर रही थी. इस पर प्रदेश सरकार ने यह प्रकरण जांच के लिए सीबीआई को सौंपने का निर्णय लिया लेकिन अब गहलोत सरकार के इस निर्णय पर विश्व हिंदू परिषद सवाल (VHP raised questions on CBI Probe) उठा रही है.
विश्व हिंदू परिषद के क्षेत्रीय मंत्री सुरेश उपाध्याय ने एक बयान जारी कर कहा कि घटना के मात्र 6 दिन में ही क्या राज्य सरकार ने यह मान लिया है कि राजस्थान पुलिस इस योग्य नहीं है कि इस प्रकरण में अपराधियों तक पहुंच पाएगी. उपाध्याय ने कहा कि कहीं ऐसा तो नहीं है कि राज्य सरकार इस अपराध में लिप्त व्यक्तियों को अपने राजनीतिक लाभ के लिये बचाने का प्रयास कर रही है. यह शंका न तो निर्मूल है और न ही दुर्भावनापूर्ण है. इसका आधार वर्तमान सरकार और इसी नेतृत्व में पूर्व की कांग्रेस सरकार की ओर से की गई कार्रवाई है.
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उपाध्याय ने आरोप लगाते हुए कहा कि अलवर में विमंदित बालिका के साथ हुई घटना की प्राथमिक रिपोर्ट स्वयं पुलिस ने धारा 375-376 के तहत बलात्कार का प्रकरण दर्ज किया था. फिर अचानक ही एसएफएल की रिपोर्ट को सार्वजनिक करते हुए मंत्रियों और अधिकारियों ने समाचार पत्रों में बयान दिया कि पीड़िता के साथ बलात्कार नहीं हुआ है. तो क्या धारा 375-376 बनाये गए शारीरिक सम्बन्धों को ही पुलिस दुष्कर्म मानती है. बालिका के प्राइवेट पार्ट को क्षति पहुंचाने को दुष्कर्म नहीं मानती.
जबकि पीड़िता की मां कह रही है कि उसकी बेटी के साथ गलत हुआ है और अभी तक पीड़िता के बयान भी नहीं लिए गए हैं. उपाध्याय ने अपने बयान में कहा कि पांच दिन की जांच में यह रहस्य बन गया है कि बालिका के साथ क्या हुआ है.