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अब दिल्ली में वसुंधरा की बढ़ी सक्रियता, मैसेज की राजनीति के जरिए क्या ये है विरोधियों को सियासी जवाब?

राजस्थान में हर दिन राजनीति की नई पटकथा लिखी जा रही है. पक्ष प्रतिपक्ष के बाह्य जुबानी हमलों के साथ ही प्रमुख पार्टियों के भीतर भी ऐसा बहुत कुछ चल रहा है जो रोमांच बनाए रख रहा है. भले ही विधानसभा चुनावों में अभी समय शेष हो लेकिन सहूलियत के हिसाब से संकेत और संदेश देने का खेल चालू है. पिछले 24 घंटों में फिर ऐसा कुछ हुआ है जिसमें संदेश ढूंढा जाने लगा है. पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सिंधिया की दिल्ली (Vasundhara seems more active in Delhi now) में बढ़ी सक्रियता की ओर लोग टकटकी लगा कर बैठे हैं.

Vasundhara seems more active in Delhi now
अब दिल्ली में वसुंधरा की बढ़ी सक्रियता

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Published : Mar 25, 2022, 9:04 AM IST

जयपुर.राजस्थान में विधानसभा चुनाव को करीब पौने 2 साल बचे हैं लेकिन प्रमुख नेताओं की सियासी चहल कदमी बढ़ गई है. खास तौर पर पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सिंधिया लगातार दौरे कर विरोधियों को अपनी शक्ति का एहसास करवा रही हैं तो विरोधी धड़े के नेता भी संगठनात्मक दौरों के जरिए कुछ यही मैसेज (Vasundhara seems more active in Delhi now) दे रहे हैं. इस बीच राजे ने दिल्ली में भी सक्रियता बढ़ाई है. मतलब अब सियासी शक्ति प्रदर्शन का केंद्र दिल्ली है.

सीएम शपथ ग्रहण और दिल्ली से दिया सियासी मैसेज: प्रदेश की राजनीति भले ही जयपुर से चलती हो लेकिन कमान दिल्ली के हाथों में ही होती है. यही कारण है की वसुंधरा राजे हो या विरोधी धड़े से जुड़े नेता समय-समय पर दिल्ली पहुंच कर मेल मुलाकातों के जरिए सियासी संदेश देने की कोशिश करते हैं. कुछ दिनों पहले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया दिल्ली गए थे जहां उन्होंने प्रदेश प्रभारी और राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह से मुलाकात की थी तो अब वसुंधरा राजे ने दिल्ली पहुंचकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. यही नहीं संगठन महामंत्री बीएल संतोष व केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण से भी उनकी मुलाकात हुई.

सांसदों संग वसुंधरा

मुलाकातों के इस दौर में वसुंधरा का राजस्थान से जुड़े सांसदों ने संसद में सम्मान भी खूब किया और उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से शिष्टाचार भेंट की. सोशल मीडिया पर उन्होंने कुछ तस्वीरें भी जारी की. ये सब जानते हैं कि राजनीतिज्ञ काफी सोच विचार और समीकरणों के हिसाब से ही सार्वजनिक पटल का इस्तेमाल करते हैं. यहां भी कुछ ऐसा ही होता दिख रहा है. जानकार इसे बेसबब नहीं मान रहे. इसमें अहम सियासी संकेत छिपा है.

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क्या है संकेत?:ये संकेत था कि इस बार सियासी शक्ति प्रदर्शन का केंद्र दिल्ली है और जरिया पार्टी के बड़े नेताओं से मुलाकात है. राजे हाल ही में उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुईं और आज लखनऊ में उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शपथ ग्रहण समारोह में भी शामिल होंगी. दोनों ही स्थानों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदगी के बीच वसुंधरा राजे उपस्थिति दर्ज कराएंगी. इसके जरिए वो अपने विरोधियों को शायद अपने सियासी कद का एहसास कराना चाह रही हैं.

दिल्ली में वसुंधरा
मैसेज की राजनीति का 'ट्रेण्ड': नेता चाहें छोटा हो या बड़ा लेकिन शीर्ष नेताओं से मेल मुलाकात के जरिए सियासी मैसेज देने का काम अपने समर्थकों व कार्यकर्ताओं को जरूर करता है. इन दिनों राजस्थान में नेताओं के बीच यह मैसेज की राजनीति ट्रेण्ड ( Message of politics In Trend ) कर रही है. पिछले दिनों भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया सूरत और दिल्ली में प्रवासी राजस्थानियों के सम्मेलनों में शामिल हुए. इन सम्मेलनों में शिरकत कर शायद वो राजस्थान और राजस्थानियों को जताना चाहते हैं कि प्रदेश के बाहर भी वो कम लोकप्रिय नहीं. वसुंधरा राजे भी मेल मुलाकातों के जरिए अपने खास मुकाम का एहसास कराने की कोशिश में दिख रही हैं. जानकार इसे लोकप्रियता का ग्राफ बढ़ाने की होड़ में खुद को बीस साबित करने की जुगत मान रहे हैं.
विभिन्न राज्यों के सीएम साथ मंच पर राजे

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राजे की तस्वीरों में जो 'नहीं दिखा'!: बताया जा रहा है कि 24 मार्च 2022 को संसद पहुंचने पर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का राजस्थान से जुड़े भाजपा सांसदों ने स्वागत किया. ये ठीक उसी तरह है जिस तरह राजस्थान विधानसभा पहुंचने पर पोर्च में भाजपा से जुड़े राजे समर्थक विधायक राजे के स्वागत में आते हैं. संसद में भी ठीक ऐसा ही हुआ.इन सांसदों और अन्य भाजपा नेताओं की राजे के साथ फोटो ली गई. ये छवि ही चर्चा बटोर रही है. मैसेज इसमें भी है. इस तस्वीर में राजस्थान से आने वाले पार्टी के सभी लोकसभा व राज्यसभा सांसद एक साथ नहीं दिख रहे.

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राजे दे चुकी हैं संदेश:हाल ही में वर्ल्ड पोएट्री डे मौके पर वसुंधरा राजे ने सोशल मीडिया पर अटल जी की एक कविता पोस्ट की. एक संदेश के साथ. संदेश मिलकर साथ चलने का संकल्प था. राजस्थान भाजपा की मौजूदा राजनीति में वसुंधरा राजे का यह संदेश और उनकी सक्रियता इस बात का भी इशारा है कि आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर अब राजस्थान भाजपा नेताओं में तैयारी शुरू हो चुकी है और हर एक नेता अपने-अपने तरीके से इसमें जुटा है. अगला चुनाव पार्टी मोदी के चेहरे पर ही लड़ेगी, ये बात कई नेता कह चुके हैं लेकिन प्रदेश में राजस्थान का सबसे बड़ा मौजूदा चेहरा कौन सा होगा ये प्रश्न अनुत्तरित है. कवायद इसी को लेकर जारी है.

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