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प्रदेश राजनीति में वसुंधरा राजे की सक्रियता बढ़ी, राजे-राजवी की मुलाकात भी बना चर्चा का विषय - राजे-राजवी की मुलाकात

राजस्थान की सियासत में अब वसुंधरा राजे ने एक बार फिर अपनी सक्रियता बढ़ानी शुरू कर दी है. इसी कड़ी में राजे ने भाजपा विधायक नरपत सिंह राजवी से अपनी सियासी दूरियों को कम करने के लिए मुलाकात की.

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राजे ने की राजवी से मुलाकात

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Published : Jun 22, 2020, 3:07 PM IST

जयपुर. लंबे अरसे बाद एक बार फिर प्रदेश में सियासी हलचल तेज हो गई है. कोरोना संकटकाल में जनसेवा कार्य के बाद अब प्रदेश भाजपा के सियासी कामकाज भी शुरू हो गए हैं. इन सबके बीच पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे की सक्रियता भी बढ़ रही है. हाल ही में राजे के निवास पर भाजपा विधायक नरपत सिंह राजवी और वसुंधरा राजे की मुलाकात इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है.

प्रदेश राजनीति में वसुंधरा राजे की सक्रियता बढ़ी

चर्चा का विषय इसलिए भी है क्योंकि स्वर्गीय भैरों सिंह शेखावत के दामाद नरपत सिंह राजवी और वसुंधरा राजे के बीच की सियासी दूरियां किसी से छुपी हुई नहीं हैं. पिछली भाजपा सरकार में राजवी को मंत्रिमंडल से दूर रखने के बाद ये दूरियां और बढ़ गईं थी. लेकिन अब इस दूरी को पाटने का काम राजे की ओर से ही शुरू कर दिया गया है. खुद वसुंधरा राजे ने राजवी से फोन पर बात की और घर आने का निमंत्रण भी दिया.

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वहीं विधायक राजवी ने भी निमंत्रण स्वीकार किया और 19 जून को अपने ही आवास के पड़ोस में रहने वाली वसुंधरा राजे के निवास पर पहुंचे और दोनों नेताओं के बीच चर्चा हुई. खैर लंबे अरसे बाद राजवी और राजे की हुई मुलाकात के कई सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं. हालांकि विधायक नरपत सिंह राजवी इस मुलाकात को महज शिष्टाचार भेंट ही बता रहे हैं.

जिला संगठन पदाधिकारियों से लेकर विधायकों से संपर्क में है राजे

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे कोराना संकटकाल के चलते बीते लंबे समय से प्रदेश से दूर रही. इस बीच राजे ने भाजपा के जिला संगठन के कई पदाधिकारियों से फोन पर चर्चा कर उनकी कुशलक्षेम भी पूछी. ये वो कार्यकर्ता और पदाधिकारी थे, जो पार्टी के लिए नीचे धरातल पर रहकर काम करते हैं. इनके पास वसुंधरा राजे का फोन जाना इस बात का संकेत है कि राजे ना केवल विधायक या सांसद बल्कि प्रदेश संगठन की निचली इकाई तक में क्या चल रहा है, उसका भी पूरा फीडबैक ले रही हैं. वहीं पिछली सरकार में पार्टी से जुड़े जो नेता उनसे किसी ना किसी कारण से दूर थे, अब उन्हें भी जोड़ने की कवायद राज्य स्तर पर शुरू हो गई है. जो प्रदेश भाजपा की सियासत में जल्दी कुछ नए सियासी समीकरणों के संकेत देता है.

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