जयपुर.आगामी विधानसभा चुनाव से पहले राजस्थान भाजपा नेताओं में यात्रा पॉलिटिक्स हावी होने लगी है. हाल ही में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने वागड़ क्षेत्र में पदयात्रा निकाली. इसके बाद पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के समर्थकों को भी अपनी नेता की आगामी सियासी यात्रा का इंतजार है. वहीं पार्टी ने अपना फोकस पिछले चुनाव में हाथ से फिसले पूर्वी राजस्थान की ओर कर लिया है. मतलब अब इस क्षेत्र में भाजपा नेताओं की यात्रा और दौरों की प्लानिंग चल रही है.
अन्य क्षेत्रों में यात्राओं की बन रही प्लानिंग:दरअसल राजस्थान की सियासत में राजनीति की यात्राएं काफी महत्वपूर्ण मानी जाती हैं. नेताओं में राजनीतिक यात्राओं की और भी अहमियत रहती है जिसके जरिए वे समय-समय पर अपनी सियासी शक्ति का प्रदर्शन भी करते रहते हैं. सतीश पूनिया की वागड़ की पदयात्रा को भी इसी नजरिए से देखा जा रहा है, लेकिन यात्रा का दौर यहां थमेगा नहीं बल्कि यहां से शुरू हुआ है. खुद पूनिया भी अपने बयानों में आगामी दिनों में अन्य जिलों में भी इस प्रकार की यात्राओं का संकेत दे रहे हैं.
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शेखावाटी क्षेत्र में वसुंधरा राजे की बन सकती है सियासी यात्रा: पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पिछले कुछ महीनों में भरतपुर, उदयपुर, जोधपुर सहित कुछ संभागों और इनके जिलों में यात्रा और प्रवास कर चुकी हैं. जो काफी चर्चाओं में भी रहा था. अब राजे समर्थकों को इंतजार है वसुंधरा राजे की नई सियासी यात्रा का. बताया जा रहा है कि इस बार शेखावाटी अंचल पर राजे समर्थकों की नजरें हैं और संभवत राजे का अगला सियासी दौरा शेखावाटी क्षेत्र में ही बनाया जा सकता (Raje Shekhawati yatra) है. बताया जा रहा है राजे समर्थक अंदरखाने इसकी प्लानिंग में जुटे हैं.
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पार्टी का पूर्वी राजस्थान पर फोकस:भाजपा नेताओं के सियासी दौरे की पॉलिटिक्स के बीच पार्टी का फोकस पूर्वी राजस्थान पर भी है. जहां पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को करारी शिकस्त मिली थी. पूर्वी राजस्थान की 58 सीटों में से 40 कांग्रेस को मिली थी. वहीं यदि ईस्टर्न राजस्थान कैनाल परियोजना में आने वाले 13 जिलों की बात की जाए तो इन जिलों की 86 विधानसभा सीटों पर भाजपा की पकड़ मजबूत हो, इसके लिए इन क्षेत्रों में प्रदेश भाजपा नेताओं के साथ ही केंद्र से भी बड़े नेताओं के सियासी दौरे बनाए जाएंगे. पार्टी के स्तर पर इस दिशा में कवायद चल रही है.