जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट में गुरुवार को राज्य सरकार की ओर से पूर्व मुख्यमंत्रियों को सुविधाएं देने के मामले में शपथ पत्र पेश कर कहा गया कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे बतौर विधायक बंगले पर काबिज हैं. ऐसे में अवमानना याचिका में कार्रवाई को समाप्त किया जाए. जिसे रिकॉर्ड पर लेते हुए अदालत ने मामले की सुनवाई 12 जनवरी तक टाल दी है. न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश सीके सोनगरा की खंडपीठ ने यह आदेश मिलापचंद डांडिया की अवमानना याचिका पर दिए.
मुख्य सचिव की ओर से पेश शपथ पत्र में कहा गया कि अदालती आदेश की पालना में राजस्थान मंत्री वेतनमान अधिनियम 2017 के तहत पूर्व मुख्यमंत्रियों को दी गई सुविधाएं वापस ली जा चुकी है. वहीं, गत 1 अगस्त को 'राजस्थान विधानसभा सदस्यों को निवासीय सुविधा नियम, 1973' में संशोधन किया गया है. जिसके तहत जो प्रदेश का मुख्यमंत्री रहा हो, केंद्र का कैबिनेट मंत्री रहा हो, राज्य मंत्री व केंद्र में कम से कम 3 बार सदस्य रहा हो, राज्य का कैबिनेट मंत्री रहा हो और कम से कम 2 बार सदस्य रहा हो या कम से कम 2 बार सांसद रहा हो, को गृह समिति आवास आवंटित कर सकती है.