जयपुर. प्रदेश में स्टेट हाईवे टोल शुल्क फिर से शुरू करने पर पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने गहलोत सरकार पर हमला बोला है. पूर्व सीएम राजे ने कहा कि डेढ़ साल पहले हमने स्टेट हाईवे पर लगने वाले टोल शुल्क को इसलिए बंद किया था ताकि प्रदेश के गरीब किसान को राहत दी जा सके.
लेकिन प्रदेश की मौजूदा गहलोत सरकार ने गरीब और किसानों को राहत देने की बजाय परेशान करने के लिए फिर से टोल शुल्क लागू किया है. पूर्व सीएम राजे ने कहा कि अप्रैल 2018 में जब उनकी सरकार ने स्टेट हाईवे टोल बंद किया था. तब यह अचानक से लिया गया निर्णय नहीं था.
गहलोत सरकार जेब में हाथ डालकर पैसा निकाले गरीबों के लिए राजे ने कहा कि पिछली सरकार ने 1 महीने तक इस निर्णय का अध्ययन कराया था. अध्ययन कराने के बाद ही टोल शुल्क बंद करने का फैसला लिया था. यह निर्णय किसानों और गरीबों को राहत देने के लिया गया था क्योंकि बड़ी संख्या में किसान गरीबों की मांग थी की स्टेट हाईवे पर लगने वाले टोल से उन्हें निजात दिलाई जाए. उन गरीब किसान को राहत देने के लिए ही सरकार ने उस वक्त टोल फ्री करने का फैसला किया था.
इसके पीछे कि वजह यह भी थी कि टोल के आस-पास के गांव के लोगों को टोल वहन करना पड़ रहा था. गांव के लोग जो गरीब हैं और किसान है. उस टोल टैक्स को वहन नहीं कर पा रहे थे. जिसके लिए उन्होंने भाजपा सरकार से गुहार भी लगाई. और इन सब तथ्यों को देखते हुए ही ये फैसला लिया गया था.
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पूर्व सीएम राजे ने कहा कि मौजूदा गहलोत सरकार किसानों और गरीबों को राहत देने की बजाय उन्हें फिर से परेशान करने के लिए स्टेट हाईवे टोल शुल्क शुरू कर दिया है. पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने कहा कि सरकार दलील दे रही है कि सड़कों के रखरखाव और मरम्मत के लिए टोल वसूल किया जा रहा है लेकिन सरकार की पहली प्राथमिकता है कि वह आम जनता को राहत दे.
उन्होंने कहा कि हमने भी टोल बंद किया था. उस वक्त क्या किसी को सड़कों पर कोई दिक्कत आई. राजे ने साफ किया कि सरकार अपनी जेब से पैसा लगाकर ही आम जनता की भलाई कर सकती है और इसके लिए ही सरकारे चुनी जाती है.