जयपुर.भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष की मौजूदगी में मंगलवार को राजस्थान के प्रमुख भाजपा नेताओं की चिंतन बैठक शुरू होगी. कुंभलगढ़ में 2 दिन चलने वाली इस बैठक में कुल 8 सत्र होंगे.
बैठक में साल 2023 के विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा का रोडमैप तैयार किया जाएगा. हालांकि चिंतन बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री व पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे के शामिल होने की संभावना कम ही है.
दरअसल वसुंधरा राजे की पुत्रवधू निहारिका राजे का स्वास्थ्य बेहद खराब चल रहा है. जिसके चलते वसुंधरा राजे हाल ही में हुए विधानसभा के सत्र में भी शामिल नहीं हुई. वहीं मौजूद स्थिति में मंगलवार से शुरू होने वाली भाजपा की चिंतन बैठक में भी वसुंधरा राजे शामिल नहीं होंगी. पार्टी से जुड़े सूत्र तो यही संकेत दे रहे हैं.
2 दिन में 8 सत्र, 45 प्रमुख नेता रहेंगे मौजूद
भाजपा की दो दिवसीय चिंतन बैठक में कुल 8 सत्र होंगे, जिसमें मंगलवार को पहले दिन 5 सत्र होंगे. जबकि बुधवार को दूसरे दिन बचे हुए 3 सत्र होंगे. सत्र सुबह करीब 9 बजे शुरू होंगे, जो रात 8:30 बजे तक चलेंगे. चिंतन बैठक में प्रदेश भाजपा कोर समिति के सदस्यों के साथ ही प्रदेश से आने वाले मोदी मंत्रिमंडल के सदस्य, राष्ट्रीय पदाधिकारी और संभाग के प्रभारियों आमंत्रित किया गया है.
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साथ ही भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और कुछ अन्य वरिष्ठ नेताओं सहित कुल 45 प्रमुख नेताओं को इस बैठक में आमंत्रित किया गया है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया,प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह और संगठन महामंत्री चंद्रशेखर सहित पार्टी से जुड़े प्रमुख नेता बैठक में शामिल होने के लिए सोमवार को ही कुम्भलगढ़ में पहुंच चुके हैं.
एकजुटता पर रहेगा जोर
भाजपा की यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसे संबोधित करने खुद पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष राजस्थान आ रहे हैं. बीएल संतोष की मौजूदगी में होने वाली इस बैठक में उनका तो संबोधन होगा ही, साथ ही पार्टी से जुड़े कुछ प्रमुख नेता भी अलग-अलग सत्र को संबोधित करेंगे. मुख्य रूप से आने वाले 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले अलग-अलग गुटों में बटे प्रदेश नेताओं को एक जाजम पर लाकर एकजुटता का मंत्र दिया जाएगा.
साथ ही साल 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव का रोडमैप भी इसी चिंतन बैठक के दौरान बनाया जाएगा. बैठक उदयपुर संभाग में हो रही है और आगामी दिनों में उदयपुर संभाग की धारियावाद और वल्लभनगर विधानसभा सीटों पर उपचुनाव भी होने हैं. यही कारण है कि इस चिंतन बैठक के दौरान इन उपचुनाव को लेकर भी रणनीति बनाई जाएगी.