जयपुर.राजस्थानविधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान बोलते हुए पूर्व शिक्षा मंत्री और भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी ने प्रदेश के अभिभावकों को राहत देने की बात कही. देवनानी ने कहा कि सरकार विधानसभा में फीस को लेकर बिल लाकर अभिभावकों को राहत देने पर विचार करें.
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देवनानी ने कहा है कि कोरोना संकट से जनता के आर्थिक हालात खस्ता हैं. सुप्रीम कोर्ट का कल जजमेंट आया कि अभिभावक शत प्रतिशत फीस जमा कराएं. अभिभावकों की समस्या को देखते हुए सरकार विधानसभा के इस सत्र में फीस को लेकर बिल लेकर आए ताकि 62 लाख अभिभावकों को राहत मिल सके. देवनानी ने कहा कि शिक्षा समवर्ती सूची का विषय है. राज्य सरकार फीस के संबंध में बिल लाकर अभिभावकों को राहत दे सकती है. बशर्ते सरकार की मंशा साफ हो. सरकार चाहे तो स्कूलों को अनुदान देकर भी अभिभावकों को पूरी फीस जमा कराने में छूट दिलवा सकती है.
रीट परीक्षा के आयोजन पर बोलते हुए देवनानी ने कहा कि सरकार 25 अप्रैल को रीट की परीक्षा कराने पर आमादा है. जबकि उस दिन महावीर जयंती है. महावीर जयंती के दिन ही परीक्षा के आयोजन को लेकर एक शिक्षा मंत्री को अड़ना नहीं चाहिए. जयंती को ध्यान में रखते हुए परीक्षा का आयोजन दो चार दिन आगे-पीछे करने का निर्णय करना ही चाहिए. उन्होंने आंदोलनरत आशा सहयोगिनियों के विषय पर बोलते हुए कहा कि बड़ी संख्या में सहयोगिनी बहनें ठण्ड में खुले में बैठी हैं. अपनी न्यायसंगत विभिन्न मांगों को लेकर पिछले कई दिनों से उनकी ओर से आंदोलन किया जा रहा है लेकिन सरकार उनको न्यूनतम मानदेय भी नहीं दे पा रही है.
देवनानी ने कहा कि सरकार की तरफ से उनसे कोई बात करने वाला नहीं है. यहीं नहीं पिछले दो सालों में प्रदेश की जनता को लूटा जा रहा है. जनता के आंसू पोछने का राग अलापने वाले मुख्यमंत्री गहलोत अपने कांग्रेस कार्यकर्ताओं तक के आंसू नहीं पूछ पा रहे हैं तो जनता के पौंछना तो दूर की बात है.
गहलोत नहीं अपराध राज चल रहा है प्रदेश में
प्रदेश में हो रहे आपराधिक घटनाओं पर प्रकाश डालते हुए देवनानी ने कहा कि राज्य में पिछले दो सालों से गहलोत राज नहीं बल्कि अपराध राज चल रहा है. प्रदेश में अपराध बेलगाम, अपराधी बेखौफ, पुलिस भयांक्रात, महिलाएं असुरक्षित और जनता भय महसूस कर रही है. कल ही कोटा में रामगंजमंडी में सरेआम संघ के जिला संघचालक पर गोलियां चलाई जाना इसकी प्रत्यक्ष बानगी है. राजसमंद, दौसा, टोडारायसिंह, कोटडा सहित पुलिस पर हमले और फायरिंग की घटनाएं सबके सामने हैं.