जयपुर. पूर्व शिक्षा मंत्री और भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से रीट परीक्षा के दौरान हुई अनियमिता और धांधली मामले में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अध्यक्ष डी.पी.जारौली को तुरंत प्रभाव से बर्खास्त करने और पूरे प्रकरण की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है.
देवनानी ने गुरुवार को एक बयान जारी कर कहा कि अब तो खुद एसओजी ने भी स्वीकार कर लिया है कि रीट परीक्षा का पेपर आउट हुआ है. ऐसे में सरकार को प्रकरण (Vasudev Devnani on REET Paper Leak 2021) की निष्पक्ष जांच सीबीआई से कराने और रीट परीक्षा निरस्त करने पर विचार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि जयपुर को छोड़कर शेष जिलों में सरकारी अधिकारियों को रीट परीक्षा का को-आर्डिनेटर बनाया गया जबकि जयपुर में जारौली के निर्देश पर गैर-सरकारी व्यक्ति प्रदीप पाराशर व रामकृपाल मीणा को को-आर्डिनेटर लगाया. अन्य जिलों में प्रश्न-पत्र सरकारी ट्रेजरी या पुलिस स्टेशनों में जबकि जयपुर में जारौली के निर्देश पर शिक्षा संकुल स्थित शिक्षा बोर्ड कार्यालय में रखवाए गए.
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देवनानी ने कहा कि गैर-सरकारी व्यक्ति पर विश्वास जताने की क्या मजबूरी रही होगी. यह तो बोर्ड अध्यक्ष जारौली या फिर तब सरकार में शिक्षा मंत्री रहे कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ही ज्यादा जानते हैं. रीट परीक्षा की अनियमिता और धांधली में गैर-सरकारी व्यक्ति पारासर और मीणा की संलिप्ता होने से यह मामला सरकार से भी जुड़ गया है.
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देवनानी ने कहा कि बदनामी से बचने और सरकार में बड़े लोगों को बचाने के लिए मुख्यमंत्री गहलोत जानबूझकर जांच सीबीआई को नहीं सौंप रहे हैं. वे नहीं चाहते कि सरकार और सरकारी तंत्र में बैठे बड़े लोगों के नाम जगजाहिर हों. इसलिए वे जांच सीबीआई को देने से डर रहे हैं. देवनानी ने कहा कि परीक्षा में हुई अनियमिता से बेरोजगार युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ हुआ है. ऐसे में मुख्यमंत्री गहलोत को तत्काल प्रभाव से रीट परीक्षा 2021 में हुई अनियमिताओं और धांधली के प्रमुख जिम्मेदारी बोर्ड अध्यक्ष जारौली को बर्खास्त करें.
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बोर्ड को फिर परीक्षा की जिम्मेदारी को देना गलत- देवनानी
देवनानी ने कहा कि रीट परीक्षा 2021 के आयोजन में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और उसके अध्यक्ष जारौली की भूमिका अच्छी नहीं रही है. इस परीक्षा से बोर्ड की विश्वसनीयता कम हुई है. इतना सब कुछ होने के बाद सरकार मई-जून में होने वाली रीट परीक्षा दोबारा शिक्षा बोर्ड से कराने को आमादा है, जो किसी भी सूरत में सही नहीं है. देवनानी ने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की बजाए अन्य बाॅडी से निष्पक्ष रीट परीक्षा-2022 का आयोजन करने की मांग भी की है.