जयपुर.कोविड-19 संक्रमण के बाद लगातार चिकित्सा विभाग प्रदेश के अस्पतालों में इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत कर रहा है. रविवार को प्रदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में आईसीयू से लेकर ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट की शुरुआत की गई है. रविवार को अजमेर, उदयपुर और बीकानेर के राजकीय चिकित्सा महाविद्यालयों और संबद्ध अस्पतालों में एनआईसीयू, पीआईसीयू, आईसीयू, ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट्स तथा लैब का शिलान्यास व लोकार्पण किया.
इस मौके पर चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा ने कहा कि लगभग 44 करोड़ रुपए की लागत के इन कार्यों से अस्पतालों के स्वास्थ्य ढांचे को मजबूती मिलेगी और संभावित तीसरी लहर में बच्चों पर जताए गए खतरे की आशंका को कम करने में मदद मिल सकेगी. अजमेर के जेएलएन मेडिकल कॉलेज, उदयपुर के आरएनटी मेडिकल कॉलेज और बीकानेर के एसपी मेडिकल कॉलेजों में लगभग 16 करोड़, 72 लाख रुपए लागत के कुल 140 बेड एनआईसीयू और 300 बेड पीआईसीयू का शिलान्यास किया गया.
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वहीं लगभग 9 करोड़ रुपए लागत के 1130 सिलेंडर क्षमता वाले 8 ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट्स और 4400 सिलेंडर प्रतिदिन क्षमता वाले 2 लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट का लोकापर्ण भी किया गया. साथ ही लगभग 17 करोड़ 30 लाख रुपए लागत के 100 आईसीयू बेड, 20 एनआईसीयू बेड और एक बीएसएल-2 लैब का भी लोकापर्ण किया गया.
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वर्चुअली आयोजित हुए इस कार्यक्रम में डॉ. शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में कोविड काल की विषम परिस्थितियों में भी राज्य में चिकित्सा व्यवस्थाओं से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया गया है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में लगभग 1 लाख 45 हजार आरटीपीसीआर टेस्ट प्रतिदिन करने की क्षमता विकसित कर ली गई है. उन्होंने शीघ्र ही एक हजार मीट्रिक टन ऑक्सीजन की क्षमता भी प्राप्त करने का विश्वास जताया. वही मंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग की सफल रणनीति ने कोरोना को अनियंत्रित होने से रोका. साथ ही, अंग प्रत्यारोपण के लिए विशेष ऑपरेशन थिएटर, आईपीडी टावर, नई कार्डियो विंग आदि के निर्माण से राज्य के नया मेडिकल हब बनने की उम्मीद भी जताई.
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वही चिकित्सा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा कि पिछले 3 वर्ष में 15 नए मेडिकल कॉलेजों के निर्माण का रास्ता साफ हुआ है. राजकीय क्षेत्र में एमबीबीएस तथा पीजी सीट्स बढ़ने से निर्धन परिवारों के बच्चों को भी चिकित्सा शिक्षा सुलभ हुई है. उन्होंने कहा कि शीघ्र ही राज्य के 30 जिलों में मेडिकल कॉलेज होंगे और शेष 3 जिलों में भी चिकित्सा महाविद्यालयों की मंजूरी के लिए सांसदों से केंद्र सरकार पर दबाव बनाने का आग्रह किया.