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अब सतीश पूनिया निकालेंगे 'वागड़ जनजाति गौरव पदयात्रा' विरोधी हुए बैचेन क्योंकि फोकस में मिशन 2023.. .

द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति पद पर निर्वाचन का आभार जताने के लिए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया 24 जुलाई से 'वागड़ जनजाति गौरव पदयात्रा' (Vagad Tribal Gaurav Padyatra by BJP) निकालेंगे. इसका समापन बेणेश्वर धाम में 25 जुलाई को होगा. इस यात्रा को वसुंधरा राजे की पूर्व इस क्षेत्र में की गई यात्रा के काउंटर के रूप में भी देखा जा रहा है.

Vagad Tribal Gaurav Padyatra by BJP
अब सतीश पूनिया निकालेंगे 'वागड़ जनजाति गौरव पदयात्रा' विरोधी हुए बैचेन क्योंकि फोकस में मिशन 2013.. .

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Published : Jul 22, 2022, 4:26 PM IST

Updated : Jul 22, 2022, 11:52 PM IST

जयपुर. चुनावी मोड में आई भाजपा के नेता अब सियासी यात्राओं में जुट गए हैं. अब तक पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की यात्राएं चर्चाओं में रहती थीं, लेकिन अब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया भी 'वागड़ जनजाति गौरव पदयात्रा' निकालने जा रहे (Vagad Tribal Gaurav Padyatra by BJP) हैं. यात्रा द्रौपदी मुर्मू के निर्वाचन के लिए आभार जताने को है. लेकिन फोकस में मिशन 2023 ही है. यही कारण है कि इससे पूनिया विरोधी खेमे के नेताओं में बेचैनी बढ़ गई है.

मां त्रिपुरा सुंदरी के दर्शन से शुरू होगी यात्रा, बेणेश्वर धाम में समापन: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया यात्रा की शुरुआत 24 जुलाई को सुबह बांसवाड़ा में मां त्रिपुरा सुंदरी के दर्शन के साथ करेंगे. वहीं 25 जुलाई को दोपहर 12 बजे यह पदयात्रा बेणेश्वर धाम डूंगरपुर पहुंचकर समाप्त होगी. यहां पर जनजाति समाज के लोगों के साथ पूनिया राष्ट्रपति पद पर द्रौपदी मुर्मू के शपथ ग्रहण समारोह को लाइव देखेंगे. पदयात्रा के दौरान करीब 41 किलोमीटर की पैदल यात्रा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अपने समर्थक कार्यकर्ताओं के साथ करेंगे.

सतीश पूनिया निकालेंगे 'वागड़ जनजाति गौरव पदयात्रा'.

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राजे की यात्रा का काउंटर तो नहीं पूनिया की यह पदयात्रा! :राजनीतिक गलियारों में पूनिया की जनजाति गौरव पदयात्रा इन दिनों चर्चाओं में है. चर्चा यह भी है कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे जिस तरह प्रदेश के अलग-अलग जिलों और संभागों में पूर्व में यात्रा निकाल चुकी हैं, अब उसी के काउंटर में कुछ नेता इस पदयात्रा को देख रहे (Poonia Padyatra political meaning) हैं. हालांकि पूनिया समर्थक नेता इस पदयात्रा को किसी अन्य नेता की यात्रा का काउंटर मानने से इनकार करते हैं.

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उनका कहना है कि पार्टी प्रदेश अध्यक्ष के नाते प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर यात्राएं कर संगठन को मजबूत करने की जिम्मेदारी पूनिया की ही है और वो इस काम को बखूबी कर रहे हैं. वहीं मुर्मू के राष्ट्रपति पद पर निर्वाचन का सियासी मैसेज भी जनजाति क्षेत्रों में पहुंचकर आम आदिवासी तक पहुंचाना भी जरूरी है. इसी कड़ी में इस पदयात्रा को देखा जाना चाहिए. यहां आपको बता दें कि पूनिया लगातार प्रदेश के विभिन्न जिलों और संभागों में संगठनात्मक कार्यक्रम के लिहाज से लगातार दौरे कर रहे हैं और पूनिया के इन्हीं दौरों को लेकर इन दिनों सियासी चर्चाओं का बाजार गर्म भी है.

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पदयात्रा के दौरान जनजाति क्षेत्रों में होगा संवाद, समर्थन जुटाने की कवायद: जनजाति गौरव पदयात्रा के दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष इन इलाकों में जनजाति समाज के लोगों के साथ कई जगह संवाद भी करेंगे. जिसमें केंद्र सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को लेकर चर्चा की जाएगी. पदयात्रा के दौरान अलग-अलग स्थानों पर जनजाति समाज द्वारा आदिवासी संस्कृति के अनुरूप ढोल-नगाड़ों के साथ विभिन्न स्वागत व अभिनंदन कार्यक्रम रखे गए हैं. वहीं यात्रा से पहले 23 जुलाई को पूनिया दोपहर में उदयपुर में सहकारिता प्रकोष्ठ की प्रदेश कार्यसमिति कार्यशाला को संबोधित करेंगे.

Last Updated : Jul 22, 2022, 11:52 PM IST

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