जयपुर.राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि राज्य सरकार स्तर पर जनजातीय क्षेत्र के लोगों को यह अनुभव कराना जरूरी है कि वे मुख्यधारा से जुड़े हुए हैं. उन्होंने कहा कि जनजातीय और गैर जनजातीय क्षेत्र में असमानता कैसे रुके, इसके समाधान के लिए भी प्रभावी प्रयास किए जाने चाहिए.
राज्यपाल शुक्रवार को राजभवन में जनजाति कल्याण हेतु संचालित योजनाओं और विकास कार्यों की प्रगति की ऑनलाइन समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि सामंजस्य और समरसता का भाव रखते हुए सभी मिलकर जनजातीय विकास के लिए कार्य करेंगे तभी उन्हें महसूस होगा कि वे मुख्य धारा से जुड़े हुए हैं. उन्होंने जनजाति क्षेत्र के 40 गांवों को आदर्श गांव बनाए जाने के उनके सुझाव की भी समीक्षा की और कहा कि इस दिशा में और अधिक प्रभवी प्रयास किए जाने की जरूरत है.
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इसी तरह राज्यपाल ने अनुसूचित क्षेत्र में उत्तर मैट्रिक छात्रवृति के भुगतान को शत-प्रतिशत सुनिश्चित करने और आदिवासी क्षेत्र के विकास के लिए महाराष्ट्र विकास मॉडल का परीक्षण कर उसे लागू किए जाने के भी निर्देश दिए. मिश्र ने जनजाति क्षेत्र के 8 जिलों में पीएमटी और पीईटी आदि की कोचिंग से लाभांवित होकर मेडिकल और इंजीनियरिंग क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने वाले युवाओं की सूची बनाने और उनका सम्मेलन करवाने के भी निर्देश दिए.
मिश्र ने कौशल विकास के अंतर्गत भी क्षेत्र विशेष की आवश्यकतानुसार लाभांवित लोगों, स्वावलंबी बने युवाओं की सूची बनाकर उनका सम्मेलन करने पर जोर दिया ताकि आदिवासी क्षेत्र में प्रोत्साहन का वातावरण बन सके. राज्यपाल ने इस बात पर नाराजगी भी जताई कि जनजाति क्षेत्रों में प्रधानमंत्री सड़क ग्राम योजना के लिए राशि मिलने के बाद भी सड़कें क्यों नहीं बनी है. उन्होंने कहा कि जिला कलेक्टर इसे विशेष रूप से देखें.
राज्यपाल ने जनजाति क्षेत्रों में पैरामेडिकल और शिक्षकों के रिक्त पदों को भरे जाने के लिए भी त्वरित कार्रवाई किए जाने के लिए संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि आदिवासी क्षेत्रों की आवश्यकता के अनुसार वहां के लोगों के लिए विकास कार्यों का क्रियान्वयन किया जाए. उन्होंने वन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को कल्याण योजनाओं से अधिकाधिक लाभांवित करने का भी आह्वान किया. उन्होंने कहा कि आदिवासी क्षेत्रों में पर्यटन विकास पर फोकस रखते हुए भी इस तरह से कार्य किया जाए कि पर्यटन गतिविधियेां से स्थानीय लोगों को रोजगार और अन्य क्षेत्रों में निरंतर लाभ मिले.
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कलराज मिश्र ने राज्य के जनजाति क्षेत्र के निवासियों में तम्बाकू चबाने की प्रवृति में भारी वृद्धि पर चिंता जताते हुए इस प्रवृत्ति को रोके जाने हेतु जिलों में विशेष अभियान चलाकर कार्य किए जाने पर जोर दिया. उन्होंने कोरोना से बचाव के लिए भी जिलों में लोगों को मास्क पहनकर बाहर निकलने, दो गज की दूरी बनाए रखने और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखे जाने का आह्वान किया. इस संबंध में उन्होंने जिला कलेक्टरों से कोरोना से बचाव के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में भी बैठक में जानकारी ली. उन्होंने कहा कि जागरूकता के माध्यम से इसे कैसे रोक सकते हैं, इस पर निरंतर प्रयास किए जाएं.
इस दौरान राज्यपाल मिश्र ने जिला कलेक्टर बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, पाली, राजसमंद, सिरोही, चित्तौड़ और उदयपुर से वहां जनजाति क्षेत्र के विकास के लिए क्रियान्वित की जा रही योजनाओं के बारे में भी जानकारी ली.