देहरादून/जयपुर.उत्तराखंड में आए दिन भोले-भाले लोगों को निशाना बनाकर लाखों-करोड़ों की ऑनलाइन धोखाधड़ी करने वाले अपराधियों धरपकड़ के दौरान पड़ताल में यह बात सामने आई है कि राजस्थान का मेवात-भरतपुर भी साइबर क्राइम (Cyber crime) का गढ़ बनता जा रहा है. पिछले दिनों उत्तराखंड एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार किये गए भरतपुर के 3 अपराधियों से पूछताछ के बाद यह खुलासा भी हुआ है.
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बता दें, पिछले दिनों 14 अपराधियों में से भरतपुर के तीन अपराधियों को दबोचा गया था. पूछताछ में आरोपियों ने बताया है कि लंबे समय से राजस्थान के भरतपुर-मेवात जैसे हिस्सों में गांव के गांव साइबर अपराधियों से भरे पड़े हैं. यहां से साइबर धोखाधड़ी का नेटवर्क पूरे देश में फैला है. जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि उन्हें वहां के राजनीतिक लोगों का संरक्षण प्राप्त है, जिस वजह से वो बच रहे हैं.
इस खुलासे के बाद उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय ने राजस्थान सरकार को पत्र लिखकर साइबर गिरोहों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई के लिए सहयोग मांगा है. क्योंकि, ऐसा बताया जा रहा है कि जब पिछले दिनों उत्तराखंड की एसटीएफ टीमें राजस्थान के भरतपुर-मेवात क्षेत्र में साइबर अपराधियों की धरपकड़ लिए पहुंची तो उन्हें विरोध और दबाव का सामना करना पड़ा.
उत्तराखंड में पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार की फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाकर पैसों की धोखाधड़ी करने मामले में भी राजस्थान के भरतपुर से ही साइबर गिरोह के 3 सदस्यों को पिछले दिनों गिरफ्तार किया गया था. उत्तराखंड एसटीएफ की गिरफ्त में आए इन अपराधियों से पूछताछ में पता चला कि दूसरे प्रदेशों की पुलिस जब भी राजस्थान के भरतपुर-मेवात में कार्रवाई के लिए जाती है तो पुलिस के पहुंचने से ही उन्हें राजनीतिक लोगों से सूचना मिल जाती है.