जयपुर.लखीमपुर बवाल को लेकरराजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने योगी सरकार पर बड़ा बयान दिया है. गुरुवार रात को जयपुर के एक निजी होटल में हुए कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे पायलट ने मीडिया से रू-ब-रू होते हुए कहा कि यूपी सरकार हिंसा को लेकर कुछ छुपाना चाहती थी. इसलिए हमें वहां जाने से रोका गया.
लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur Kheri Violence) मामले को लेकर सचिन पायलट ने कहा कि पिछले साढ़े चार साल में उत्तर प्रदेश में पुलिस ने कानून के दायरे से बाहर जाकर कई काम किए हैं, जैसा कि वहां के लोग कहते हैं. लखीमपुर में दिल दहलाने वाले दृश्य सामने आए और सब लोग चाहते थे कि न्याय हो.
उन्होंने कहा कि सब लोगों को लग रहा था कि इस मामले में न्याय नहीं होगा, लेकिन सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने इस मामले में संज्ञान लिया. जिस तरह से लखीमपुर में हिंसा हुई उस तरह के मामले देश में पहले कभी नहीं हुए. पूरे देश से जब दबाव पड़ा तो पुलिस-प्रशासन की ओर से शायद आरोपियों से पूछताछ की कोशिश की जाएगी. पूरे मुल्क में इस घटना से दहशत फैली और हम चाहते थे कि हम वहां जाकर पीड़ितों को सांत्वना दें.
हम राजनेता हैं और हम चाहते हैं कि सबकुछ ठीक रहे. हमलोग उन लोगों को दिलासा देना चाहते थे, जिन्होंने अपना कुछ खोया है. उन्होंने कहा कि जो लोग आरोपी हैं वो बाहर खुले घूम रहे हैं और जो लोग स्थिति को सामान्य करना चाहते हैं, पीड़ितों का दुख बांटना चाहते हैं, उन्हें हिरासत में लिया जा रहा है. यूपी सरकार का जो तानाशाही रवैया रहा है, वह निंदनीय है.
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लोकतंत्र में सभी लोगों को अपनी बात कहने और अपने विचार रखने की स्वतंत्रता है. मैं कल (बुधवार को) जब लखीमपुर खीरी जा रहा था तो मुझे भी रास्ते में कई जगह रोका गया. अंत में मुरादाबाद में हमें डिटेन किया गया. हमें कई घंटों तक बैठा के रखा गया और इसके बाद बॉर्डर पर छोड़ दिया गया. सचिन पायलट ने यूपी सरकार पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए कहा कि कई पार्टियों के नेताओं को जाने दिया जा रहा है, कुछ को नहीं जाने दिया जा रहा. ऐसा लगता है कि शायद यूपी सरकार कुछ छुपाना चाहती थी.
प्रियंका गांधी और राहुल गांधी को बाद में आनाकानी कर अनुमति दी गई...
सचिन पायलट ने कहा कि किस आधार पर प्रियंका गांधी को डिटेन किया गया. 3 दिन तक उन्हें डिटेन कर कर रखा गया. उन पर कोई मुकदमा नहीं था. हिरासत में लेने के बाद 24 घंटे में मजिस्ट्रेट के सामने पेश करना पड़ता है, लेकिन प्रियंका गांधी को मजिस्ट्रेट के सामने पेश नहीं किया गया. पायलट ने कहा कि पहली बार देश में ऐसा देखा गया कि लोगों से मिलने के लिए माहौल खराब किया जा रहा है.