जयपुर. प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी की नई मुखिया 1985 बैच की आईएएस उषा शर्मा ने मुख्य सचिव का पदभार संभाल लिया है. कार्मिक विभाग ने आदेश जारी करते हुए शर्मा को प्रदेश के नए मुख्य सचिव के रूप में नियुक्त किया था. इसके साथ ही उषा शर्मा को राजस्थान खान एवं खनिज निगम लिमिटेड उदयपुर के अध्यक्ष का अतिरिक्त कार्यभार भी सौंपा गया है. उषा शर्मा प्रदेश की दूसरी ऐसी महिला आईएएस अधिकारी हैं, जन्होंने मुख्य सचिव के रूप में पद संभाला है.
डीओपी ने जारी किए दो आदेश:कार्मिक विभाग ने एक साथ दो आदेश जारी किए हैं. जिसमें पहले में प्रदेश के नए मुख्य सचिव के लिए वरिष्ठ आईएएस उषा शर्मा के नाम का आदेश जारी किया गया है. वहीं, दूसरे आदेश में सेवानिवृत्त हुए मुख्य सचिव निरजंन आर्य का है, जिसमें उन्हें सेवानिवृत्ति के साथ ही मुख्यमंत्री सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया है.
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उषा शर्मा राजस्थान की दूसरी महिला आईएएस हैं, जिन्हें मुख्य सचिव के पद की जिम्मेदारी दी गई है. इससे पहले साल 2009 में कुशल सिंह राज्य की पहली महिला मुख्य सचिव बनी थीं. वरिष्ठ आईएएस अधिकारी उषा शर्मा के पति बीएन शर्मा भी आईएएस अधिकारी हैं और राज्य विनियामक आयोग में सदस्य हैं. उषा शर्मा के बहुत करीबी रिश्तेदार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं और मौजूद वक्त में प्रदेश की सियासत में बड़े मुकाम पर हैं. उषा शर्मा लंबे समय से केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर थी जिन्हें राज्य सरकार के आग्रह पर रविवार को ही केंद्र सरकार ने उनके मूल कैडर में भेजने के रिलीव आर्डर जारी किए थे.
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दिल्ली में संभाली कई बड़ी जिम्मेदारी: 1985 बैच की आईएएस उषा शर्मा केंद्र में युवा मामलात मंत्रालय में सचिव पद पर कार्यरत थी. इससे पहले वे आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया में DG, केंद्रीय ARD में अतिरिक्त सचिव और पर्यटन मंत्रालय में एडीजी पर्यटन पद पर रह चुकी हैं. पिछली गहलोत सरकार में उषा पर्यटन विभाग में प्रमुख सचिव रह चुकी हैं. इसके अलावा वे यूडीएच सचिव, नागरिक उड्डयन सचिव, पर्यटन सचिव, उद्योग सचिव, जेडीसी और बूंदी और अजमेर कलेक्टर के रूप में राजस्थान सरकार में अपनी भूमिका निभा चुकी हैं. इनका सेवा कार्यकाल जून 2023 तक है.
क्या है सियासी मायने: सीएम गहलोत की ओर से राज्य की दूसरी महिला मुख्य सचिव बनाए जाने के पीछे सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी का स्लोगन मैं भी लड़की हूं को प्रमोट किया जा रहा है.
आर्य होंगे मुख्यमंत्री के सलाहकार: वहीं, मुख्य सचिव पद से सेवानिवृत्त हुए आईएएस निरंजन आर्य को मुख्यमंत्री सलाहकार नियुक्त किया गया है. आर्य ने कहा कि जो जिम्मेदारी दी है उसका निर्वहन करूंगा. किस विभाग का जिम्मा मुख्यमंत्री देंगे वो उनका अधिकार है, जो भी जिम्मा देंगे उसे पूरा करेंगे. आर्य ने कहा कि सलाहकार बनने के बाद विभागवार जिम्मेदारी दी जाती है तो उसके अनुसार योजना क्रियान्विति करेंगे. सीएम के मैंडेट पर गुड गवर्नेस को आगे बढाएंगे.
क्या कहा उषा शर्मा ने :प्रदेश की नई नवनियुक्त मुख्य सचिव उषा शर्मा ने आज शाम (Usha Sharma Taken Charge of Rajasthan Chief Secretary) पदभार ग्रहण कर लिया. निवर्तमान मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने नवनियुक्त मुख्य सचिव उषा शर्मा को कार्यभार सौंपा. कार्यभार संभालने के साथ ही उषा शर्मा ने कहा कि 36 साल के करियर में आम आदमी की तकलीफ को नजदीक से देखा है, उसी अप्रोच के साथ आगे काम करना है.
राज्य की दूसरी महिला सीएस उषा शर्मा ने महिलाओं को लेकर राज्य सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं पर फोकस करके उन्हें गति देने की बात कही है. सीएस का चार्ज संभालने के बाद मीडिया से रू-ब-रू होते हुए कहा कि उन्होंने तमाम प्रशासनिक पद पर लेकर 36 साल के अनुभव में आम आदमी की तकलीफों को समझा है और उस तकलीफ के अप्रोच के हिसाब से ही सीएस के रूप में अप्रोच रखी जाएगी. निवर्तमान सीएस निरंजन आर्य ने पारंपरिक तरीके से सोमवार को नई सीएस उषा शर्मा को चार्ज सौंपा. शाम 4 बजे वे सचिवालय के सीएस कक्ष में आईं और अपने ज्वॉइनिंग लैटर पर हस्ताक्षर किए.
निरजंन आर्य के कक्ष में आने के बाद उनका स्वागत किया गया और विधिवत तरीके से उन्हें सीएस की कुर्सी पर बैठाया. उषा ने कहा कि राज्य सरकार की जो विकास के कार्य को लेकर, आपदा प्रबंधन को लेकर, लॉ एंड ऑर्डर को लेकर प्राथमिकता है. उसके प्रति संवेदनशील होकर और पुरजोर प्रयास करके उन योजनाओं को कैसे आगे बढ़ाया जाए और प्रदेश को राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आगे कैसे लाया जाए. इसके प्रति सक्रिय होकर इन सबकी क्रियान्विति करनी है.
10 साल से दिल्ली हूं, लेकिन राजस्थान से जुड़ी रही :राजस्थान में वापसी को लेकर उषा शर्मा ने कहा कि 10 साल बाद में राजस्थान कैडर में आई हूं, लेकिन राजस्थान से दूरी मेरी कभी नहीं थी. राजस्थान बहुत नजदीक रहा है और राजस्थान में जो भी गतिविधियां रही हैं, उससे लगातार संपर्क बनाए रखा. ऐसा नहीं है कि 10 साल में कोई दूरी हो गई है.
सत्र में हमारा सकारात्मक रवैया रहेगा : जल्द होने वाले विधानसभा सत्र को लेकर उषा शर्मा ने कहा कि विधानसभा सत्र में हमारा सकारात्मक रवैया रहेगा. जो सरकार की प्राथमिकताएं हैं, उन पर पूरा ध्यान दिया जाएगा. सीएस ने कहा कि ब्यूरोक्रेसी और सभी संस्थाओं को साथ लेकर और उसमें ज्यादा से ज्यादा सकारात्मक नतीजे कैसे प्राप्त हो इस पर ध्यान दिया जाएगा. अफसरों की कमी को कर उषा शर्मा ने कहा कि हर समस्या का निश्चित तौर पर एक हल होता है, वह हल ढूंढा जाएगा.
'पधारो म्हारे देश' अपने आप में बहुत बड़ा वाक्य : उषा शर्मा ने कहा कि राजस्थान प्रदेश की जो जनता है उसने अपनी छवि राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बनाई हुई है. शर्मा ने कहा कि 'पधारो म्हारे देश' अपने आप में बहुत बड़ा वाक्य है और ज्यादा से ज्यादा संवेदनशील होकर जन सुविधाएं कैसे दी जाए यह प्राथमिकता रहेगी. उषा शर्मा ने कहा कि वे दूसरी महिला सीएस हैं और मुख्यमंत्री का धन्यवाद देना चाहेंगी कि महिला को सीएस के पद पर आसीन कराया. शर्मा ने कहा कि महिलाओं के जो भी कार्यक्रम हैं और जो भी फ्लैगशिप कार्यक्रम हैं, उन्हें आगे बढ़ाया जाएगा. शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार की विकास, कानून-व्यवस्था और अन्य प्राथमिकता के मद्देनजर वे काम करेंगी.
यह रहा उषा शर्मा का सफर : ऊषा शर्मा ने प्रशासनिक सेवाओं में अपनी शुरुआत अलवर एसडीएम के रूप में 1989 में शुरू की थी. इसके साथ ही वे अलवर नगरपालिका में प्रशासक, जयपुर में उद्योग विभाग में उपसचिव, शिक्षा विभाग में उपसचिव रहने के बाद उन्हें 1994 में पहली बार बूंदी का जिला कलेक्टर बनाया गया था. एडल्ट एजुकेशन विभाग में डायरेक्टर, इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड में सचिव के पद पर कार्यरत रहने के बाद में 1999 में अजमेर की जिला कलेक्टर बनीं.
2001 में जयपुर आ गई और यहां कॉपरेटिव सोसायटी की रजिस्ट्रार बनीं. वर्ष 2003 से 2004 तक जेडीए कमिश्नर के रूप में भी कार्य किया. राजेगार विभाग, शहरी विकास में सचिव के पद पर भी कार्य किया. उषा शर्मा विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी की रिश्तेदार हैं. उषा शर्मा के पति बीएन शर्मा रिटायर्ड आईएएस हैं. वे भी केंद्र-राज्य में वरिष्ठ पदों पर रहे हैं. बीएन शर्मा अभी राजस्थान इलेक्ट्रिसिटी रेग्युलेटरी कमीशन के चेयरमैन हैं.