जयपुर. नगरीय विकास विभाग ने गरीब और मध्यमवर्गीय के लिए आवासों के आवंटन में ब्याज, पेनाल्टी और दूसरी समस्याओं के निराकरण के लिए कमेटी का गठन किया है और जिम्मेदारी यूडीएच मंत्री के ओएसडी वीके दाधीच को सौंपी गई है.
स्थानीय नगरीय निकायों में EWS/LIG/MIG-A आवासों के आवंटन में आ रही कठिनाइयों के कारण लम्बित प्रकरणों की संख्या बढ़ती जा रही है. ऐसे में नगरीय विकास विभाग ने इनके त्वरित समाधान के लिए कमेटी का गठन किया है, जो आवंटन से संबंधित ब्याज/पेनाल्टी और दूसरी समस्याओं के निराकरण के लिए प्रभावी कार्रवाई करेगी. इस कमेटी की कमान यूडीएच मंत्री के ओएसडी वीके दाधीच को सौंपी गई है.
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इसके साथ ही कमेटी में रुडसिको के परियोजना निदेशक (हाउसिंग), संबंधित स्थानीय निकायों के अधिशाषी अभियन्ता/ सहायक अभियन्ता/ कनिष्ठ अभियन्ता और संबंधित प्रोजेक्ट के विकासकर्ता को शामिल किया गया है. इस समिति को प्रगति रिपोर्ट हर सप्ताह राज्य सरकार को भेजनी होगी.
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वहीं नगरीय निकायों की ओर से आवंटित भूखण्डों और भू-राजस्व अधिनियम की धारा 90ए के अन्तर्गत जारी की गई लीज डीड/पट्टों में निर्धारित अवधि में भवन निर्माण करना आवश्यक है. इसी तरह धारा 90-बी और भूमि अवाप्ति के बदले आवंटित भूखण्डों में पट्टा/लीज डीड की तारीख से 10 वर्ष में निर्माण किया जाना आवश्यक है.
हालांकि नगरीय विकास विभाग ने कोविड-19 के मद्देनजर निर्धारित अवधि में निर्माण नहीं करने पर पुनर्ग्रहण राशि की गणना 31 दिसम्बर तक निर्माण अवधि विस्तार करने की छूट प्रदान की थी, जिसे अब बढ़ाकर 31 मार्च 2022 कर दी गई है. वहीं लीज डीड/पट्टों में निर्धारित अवधि में निर्माण नहीं करने पर देय बकाया पुनर्ग्रहण राशि में 60 प्रतिशत की छूट अभियान अवधि में प्रदान की गई है.