जयपुर. राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ की ओर से प्रदेश अध्यक्ष उपेन यादव ने गुरुवार को प्रेस वार्ता की. जिसमें उन्होंने आर पार की लड़ाई का ऐलान किया. उपेन यादव ने रीट भर्ती परीक्षा की सीबीआई जांच और भर्ती में पदों की संख्या बढ़ाकर 50 हजार करने की मांग की. उपेन यादव ने कहा कि सरकार इसी विधानसभा सत्र में पेपर लीक प्रकरण को रोकने के लिए गैर जमानती कानून लेकर आए और उसमें संशोधन किया जाए.
उपेन यादव ने कहा कि अलवर प्रकरण की परिजनों की मांग पर मुख्यमंत्री सीबीआई जांच कराने के तैयार हो गए थे. इसी तरह प्रदेश के लाखों बेरोजगार युवा भी रीट भर्ती प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं. इसलिए सरकार को रीट भर्ती परीक्षा की सीबीआई जांच करानी चाहिए (Upen demands CBI investigation in REET Paper Leak case). यदि सीबीआई को लगता है कि परीक्षा रद्द होनी चाहिए तो परीक्षा रद्द हो, इससे बेरोजगारों को कोई दिक्कत नहीं है. साथ ही उन्होंने मांग की कि राज्य सरकार रीट भर्ती परीक्षा के पदों की संख्या बढ़ाकर 50 हजार करें क्योंकि बेरोजगार युवा लंबे समय से परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं. इनकी आर्थिक स्थिति बेहद खराब है.
उपेन यादव की रीट परीक्षा को लेकर मांग नकल रोकने के लिए कानून में संशोधन की मांग
उपेन यादव ने मांग की कि सरकार ने वादा किया था कि वह पेपर लीक प्रकरण और नकल रोकने के लिए गैर जमानती कानून लेकर आएगी. हम उस में संशोधन की मांग कर रहे हैं. हमारी मांग है कि इस कानून में संशोधन किया जाए और इसमें उम्रकैद के साथ-साथ अपराधियों की संपत्ति जब्त करने का प्रावधान किया जाए. यादव ने कहा कि कई भर्तियां है, जिनकी जांच अभी भी लंबित है उनमें अभी तक सरकार ने कोई खुलासा नहीं किया है. लाइब्रेरियन भर्ती 2018, 29 दिसंबर 2019 को हुई थी और 1 जनवरी 2020 को पेपर रद्द हो गया, लेकिन अब तक इसका खुलासा नहीं हुआ है कि कहां से पेपर लीक हुआ और कौन इसका मुख्य सरगना था. इसी तरह का मामला जेईएन भर्ती 2020 का भी है. इसी तरह से एसआई भर्ती 2021 का पेपर बीकानेर से पाली आए 12 लोग गिरफ्तार हुए लेकिन कर्मचारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई.
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सरकार कमेटी-कमेटी खेल रही है
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के आदेशों को भी नहीं माना जा रहा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भर्ती परीक्षाओं के पारदर्शिता के लिए पूर्व आरपीएससी अध्यक्ष महेंद्र कुमावत की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया (Upen Yadav Targets Gehlot). इस कमेटी की पहली मीटिंग 13 अप्रैल को हुई थी. सचिवालय में मीटिंग में मैं भी गया था और पेपर लीक और फर्जीवाड़े को रोकने के संबंध में महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए थे लेकिन आज तक ना तो सुझावों को माना गया और ना ही कमेटी की रिपोर्ट को ओपन किया गया है. सरकार कमेटी-कमेटी खेलने का काम कर रही है लेकिन इस बार बेरोजगारों को कमेटी नहीं परिणाम चाहिए. उन्होंने कहा कि एसओजी खुलासे के अनुसार एक करोड़ 22 लाख रुपए में रीट पेपर का सौदा हुआ है. इसमें किसी बड़े नेता का हाथ हो सकता है. इस मामले का भी पूरा खुलासा होना चाहिए कि स्ट्रांग रूम की जिम्मेदारी किसके पास थी, उस जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी. किस नेता का संरक्षण प्राप्त है.
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उपेन यादव ने कहा कि भर्ती परीक्षाओं में ओएमआर शीट में भी खेल खेला जा रहा है. उसमें भी आंसर सीट खाली छोड़ी जा रही है और बाद में उसे भरा जा रहा है. इसलिए हमारी मांग है कि यदि कोई भी अभ्यर्थी कोई प्रश्न छोड़ता है तो उसके लिए पांचवां ऑप्शन अनिवार्य किया जाए. प्रतियोगिता भर्ती परीक्षाओं के पेपर, जहां रखे जाते हैं, वहां लाइव कैमरे से निगरानी रखी जाए. पेपर रखने से लेकर परीक्षा केंद्रों तक बांटने का पूरा लाइव डाटा रखा जाए. जिससे पेपर लीक प्रकरणों को रोका जा सके. उन्होंने कहा कि हाल ही में पटवारी भर्ती परीक्षा का परिणाम जारी किया गया है. जिसे कटऑफ बहुत ज्यादा बताई जा रही है. इसमें भी गड़बड़ी का संदेह उत्पन्न हो रहा है. इसलिए हमारी मांग है कि राज्य सरकार इसकी जांच करवाएं. उन्होंने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि कांग्रेस सरकार ने घोषणा पत्र में युवा बोर्ड गठित करने का वादा किया था लेकिन 3 साल बीतने के बावजूद भी युवा बोर्ड गठित नहीं किया गया. इसके कारण बेरोजगारों की समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा.
ऐतिहासिक होगा विधानसभा घेराव
राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष उपेन यादव ने मांग नहीं मानने पर 9 फरवरी को विधानसभा घेराव की चेतावनी भी दी है. उन्होंने कहा कि इस बार विधानसभा का घेराव ऐतिहासिक होने वाला है. सरकार के मुकदमे दर्ज करें या ना करें हम लोग पीछे हटने वाले नहीं हैं, जहां बेरोजगारों के भविष्य की बात होगी वहां हम लोग सड़कों पर उतरेंगे. उन्होंने कहा कि मांग नहीं मानने पर सरकार के प्रति युवाओं में अविश्वास बढ़ रहा है. इसलिए सरकार को चाहिए कि वह बेरोजगारों की मांगे माने, जिससे उनके प्रति युवाओं में विश्वास बढ़ सके. हम लोग आर-पार की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं.