जयपुर: राजधानी में वर्ष 2020 में सितंबर माह तक दर्ज हुए अपराधिक आंकड़ों और वर्ष 2021 में सितंबर माह तक दर्ज हुए अपराधिक आंकड़ों में 29% की वृद्धि देखी जा रही है. हालांकि वर्ष 2020 में कोरोना के प्रकोप के चलते अपराध के आंकड़ों में काफी कमी दर्ज की गई और अब जब स्थिति सामान्य होने लगी है तो अपराध के आंकड़े एक बार फिर बढ़ते हुए नजर आ रहे हैं.
पुलिस का दावा और हकीकत
आंकड़े कुछ कहते हैं और दावे कुछ और ही किए जाते हैं. पुलिस कहती है कि गिरावट आई है लेकिन जिस गति से रोज वारदातें हो रही हैं, जो आंकड़ें दर्शा रहे हैं उससे स्पष्ट हो रहा है कि हकीकत तो कुछ और ही है. राजधानी में अपराध के आंकड़ों (Crime In Jaipur) को लेकर एडिशनल पुलिस कमिश्नर क्राइम अजय पाल लांबा (ACP Ajay Pal Lamba) का कहना है कि राजधानी (Jaipur) में प्रॉपर्टी संबंधित जो भी अपराध है चाहे वह लूट,चोरी, नकबजनी या वाहन चोरी हो उन में गिरावट दर्ज की गई है.
लांबा का कहना है कि बदमाशों की धरपकड़ के लिए सीएसटी और चारों जिलों की डिस्ट्रिक्ट स्पेशल टीम जो विशेष अभियान चला रही है उसके तहत अनेक वारदातों में शामिल बदमाशों को पकड़ा गया है. जिसके चलते वारदातों में कमी देखने को मिली है. इसके साथ ही मानते हैं कि अन्य आईपीसी (IPC) के अपराध जिन में जमीनी विवाद (Land Dispute), आपसी विवाद और रुपयों के लेनदेन के विवाद शामिल हैं- जैसे अपराधों में वृद्धि दर्ज (Rise) की गई है.
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अब आकंड़ों की जुबानी जानते हैं सच्चाई
आंकड़ों की बात करें तो वर्ष 2020 की तुलना में वर्ष 2021 में सितंबर माह तक हत्या के प्रकरणों में 22%, हत्या का प्रयास के प्रकरणों में 8%, डकैती के प्रकरणों में 300%, लूट के प्रकरणों में 65%, अपहरण के प्रकरणों में 21%, बलात्कार के प्रकरणों में 24%, बलवा के प्रकरणों में 57%, नकबजनी के प्रकरणों में 27%, दुपहिया वाहन चोरी के प्रकरणों में 19%, चौपाहिया वाहन चोरी के प्रकरणों में 12% और अन्य आईपीसी के प्रकरणों में 32% की वृद्धि दर्ज की गई है.