जयपुर. प्रदेश में स्कूल फीस माफी पर चल रहे विवाद को लेकर संयुक्त अभिभावक संघ ने आर-पार की लड़ाई छेड़ दी है. इस बार संयुक्त अभिभावक संघ ने एक बार फिर ज्ञापन देने का दौर शुरू कर शुक्रवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम अतिरिक्त जिला कलेक्टर प्रथम इकबाल खान को ज्ञापन दिया है. जिसमें सरकार तक अभिभावकों की मांगों को पहुंचाने का आश्वासन दिया गया है. अभिभावक संघ की ओर से शनिवार को देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और केंद्रीय शिक्षा मंत्री को रजिस्टर्ड डाक से ज्ञापन भेजा जाएगा. साथ ही संघ की ओर से राज्य के राज्यपाल व मुख्यमंत्री से भी मुलाकात के लिए समय मांगा गया है.
संयुक्त अभिभावक संघ ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार उनकी मांग नहीं मानती है तो आंदोलन और तेज किया जाएगा. प्रवक्ता अभिषेक जैन ने बताया कि शुक्रवार को संयुक्त अभिभावक संघ ने 3 दिनों के अल्टीमेटम के साथ ज्ञापन देने का दौर शुरू किया है. इस ज्ञापन में पिछले 8 महीनों में अभिभावकों ने जिन-जिन पीड़ाओं का सामना किया और निजी स्कूल संचालकों की मनमर्जी झेली और राज्य सरकार की अभिभावकों की बेरुखी देखी. उन सभी बातों को ध्यान में रखकर यह 15 सूत्रीय मांग पत्र तैयार किया गया है.
शुक्रवार को कलेक्टर ऑफिस सहित राज्य के शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासरा के निवास स्थान पर मुलाकात करने गए थे. लेकिन मंत्री डोटासरा नहीं मिले तो उनके स्टाफ को ज्ञापन दिया गया. इसी तरह कांग्रेस के एआईसीसी सदस्य संजय बापना और राज्य की प्रिंसिपल सेकेट्री शिक्षा विभाग अर्पणा अरोड़ा को भी ज्ञापन दिया गया. ज्ञापन के जरिए 15 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा गया है. इसमें सबसे अहम मांग कोरोना महामारी में बंद रहे निजी स्कूलों की केवल 25 फीसदी ही ट्यूशन फीस निर्धारित करने की गई है. साथ ही मांग की गई सभी अतिरिक्त चार्ज जिसका उपयोग अभिभावकों और बच्चों ने नहीं किया वह खत्म किया जाए.