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श्रावण में सोमवती अमावस्या पर 47 वर्षों बाद अनूठा संयोग, हरियाली अमावस्या रखता है विशेष महत्व

सोमवार को हरियाली अमावस्या का पर्व विशेष योग संयोगों के बीच मनाया जाएगा. ज्योतिषाचार्य पंडित पुरुषोत्तम गौड़ के अनुसार, सावन में हरियाली अमावस्या का आना विशेष महत्व रखता है. वहीं इस बार अमावस्या और पूर्णिमा दोनों सोमवार के दिन है.

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Published : Jul 18, 2020, 1:59 PM IST

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हरियाली अमावस्या

जयपुर. श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या पर इस बार सोमवार को हरियाली अमावस्या का पर्व विशेष योग संयोगों के बीच मनाया जाएगा. 47 वर्षों बाद सावन में सोमवती अमावस्या के साथी सोमवती पूर्णिमा का भी अनूठा संयोग बन रहा है. वर्षा ऋतु में प्रकृति पर छाने वाले इस बहार रूपी पर्व पर पौधें रोपकर धरा का श्रृंगार किया जाएगा.

हरियाली अमावस्या रखता है विशेष महत्व

ज्योतिषाचार्य पंडित पुरुषोत्तम गौड़ के अनुसार, सावन में हरियाली अमावस्या (सोमवती अमावस्या) का आना विशेष महत्व रखता है. हरियाली अमावस्या श्रावण शिवरात्रि के दूसरे दिन आती है. इस बार अमावस्या और पूर्णिमा दोनों सोमवार के दिन है. ऐसे में इन दिन सोमवती अमावस्या पर श्रद्धालुओं को भगवान भोलेनाथ की पूजा का सहस्त्र गुणा फल मिलेगा.

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वहीं दान पुण्य और पेड़-पौधों की पूजा के लिहाज से विशेष फलदाई सोमवती अमावस्या के दिन पुनर्वसु नक्षत्र के साथ ही हर्षल योग रहेगा. सोमवती अमावस्या पर हर्ष राशि के जातकों को भोलेनाथ और भगवान विष्णु की पूजा का कई गुना फल मिलेगा.

इस बार अमावस्या और पूर्णिमा दोनों सोमवार के दिन है

बता दे कि, साल 2000 के बाद इस बार श्रावण मास में हरियाली अमावस्या का आना संयोग बना है. इस दिन पीपल-तुलसी की पूजा विशेष फल देने वाली होने के साथ ही प्रत्येक मनुष्य को उस दिन पौधा लगाकर देखरेख करने का संकल्प लेना चाहिए. वहीं 47 वर्षो के बाद इस बार सोमवती अमावस्या के साथ ही सोमवती पूर्णिमा का भी अनूठा संयोग रहेगा. साथ ही अगली बार यह संयोग वर्ष 2024 में आएगा.

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