जयपुर. कोरोना काल में राजस्थान के बेरोजगार युवा दोहरी परेशानी का सामना कर रहे हैं. कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते खतरे के बीच अपने आप को और परिवार को सुरक्षित रखना भी बड़ी चुनौती है. सरकारी नौकरी की आस में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं का इंतजार कोरोना संकट के इस दौर में लंबा खिंचता जा रहा है.
कोरोना काल में युवाओं पर पड़ रही दोहरी मार राजस्थान में कई भर्तियां पिछले दो-तीन साल से लंबित चल रही हैं. पहले ईडब्ल्यूएस वर्ग के लिए किए गए बदलावों के चलते लंबित प्रतियोगी परीक्षाओं में देरी हुई. अब कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे के बीच आसार कम हैं कि आने वाले दिनों में भर्ती परीक्षाओं का आयोजन जल्द हो पाएगा. ऐसे में प्रदेश के बेरोजगार युवाओं के लिए यह समय परीक्षा की घड़ी से भी ज्यादा मुश्किल साबित हो रहा है.
युवा रोहित गौतम का कहना है कि राजस्थान का युवा अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहा है. पहले कई भर्ती परीक्षाएं पेपर लीक की भेंट चढ़ गई. फिर ईडब्ल्यूएस वर्ग के लिए किए गए बदलावों के चलते भर्ती परीक्षाओं में देरी हुई. अब कोरोना ऐसा नहीं होने दे रहा है. ऐसे में दो-तीन साल से तैयारी में जुटे बेरोजगार मायूस हैं.
नौकरियों के लिए करना पड़ेगा लंबा इंतजार रोहित का कहना है कि सरकार को अपनी तैयारी पूरी रखनी चाहिए. ताकि कोरोना संक्रमण के मामले कम होते ही लंबित प्रतियोगी परीक्षाएं करवाकर बेरोजगार युवाओं को राहत प्रदान की जा सके. बेरोजगार युवा लेखराज का कहना है कि आर्थिक परेशानी का सामना तो कर ही रहे हैं, मानसिक रूप से भी परेशान हैं. इन दिनों में कई प्रतियोगी परीक्षाओं का आयोजन होना था. कोरोना संकट के चलते परीक्षाओं का आयोजन की संभावना कम ही है.
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कई युवा जयपुर में रहकर कोचिंग कर रहे थे और कोचिंग की फीस भी जमा करवा दी. अब कोचिंग संस्थान बंद हैं. ऐसे में युवाओं को आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. युवाओं ने राज्य सरकार से बेरोजगारी भत्ता देने की मांग की है. फिलहाल इसके वेरिफिकेशन की प्रक्रिया इतनी पेचीदा है कि युवाओं को भत्ता मिलने में दिक्कत आ रही है. उनका कहना है कि इस प्रक्रिया को सरल बनाकर पात्र युवाओं को बेरोजगारी भत्ता भी दिया जाना चाहिए.
आर्थिक संकट और नौकरी भी नहीं एक युवा विक्रम थालोड़ का कहना है कि सरकार ने जिन भर्तियों की घोषणाएं कर रखी है. वह भी लंबित चल रही हैं. इनकी परीक्षाएं नहीं हो पा रही हैं. कई भर्तियों की परीक्षा हो गई तो उनका परिणाम जारी नहीं हो पाया है. कई युवा ज्वॉइनिंग मिलने के इंतजार में बैठे हैं.
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष हरिप्रसाद शर्मा का कहना है कि बोर्ड ने सभी विभागों को पत्र भेजकर खाली पदों की जानकारी मांगी है. चयन बोर्ड सबसे पहले कृषि पर्यवेक्षक और वन विभाग की भर्ती करवाएगा. उनका कहना है कि जिन विभागों की भर्तियां होनी थी, किसी भर्ती की विज्ञप्ति जारी हो चुकी है या विज्ञप्ति अब जारी होनी है. उन सभी विभागों को पत्र लिखा गया है कि संशोधित नियमों के अनुसार दुबारा अभ्यर्थनाएं भिजवाएं. इस दौरान यदि कोई वैकेन्सी बढ़ गई है तो उन्हें भी जोड़कर अभ्यर्थनाएं भिजवाने के निर्देश दिए गए हैं.
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शर्मा का कहना है कि इस पूरी प्रक्रिया में समय लगने की संभावना है. लेकिन इससे ईडब्ल्यूएस के संबंध में जारी नए नियमों से भर्ती की पूर्ति हो सकेगी. इसके साथ ही आवेदन करने से वंचित रहे अभ्यर्थी भी आवेदन कर सकते हैं. उनका यह भी कहना है कि पटवार भर्ती, कृषि पर्यवेक्षक भर्ती और वन विभाग की भर्तियों सहित अन्य भर्तियों में इस प्रक्रिया के कारण कुछ देरी निश्चित रूप से होगी. लेकिन बोर्ड का यह प्रयास होगा कि अनावश्यक रूप से किसी भी प्रक्रिया में देरी नहीं हो और जल्द ही प्रक्रिया पूरी कर भर्ती परीक्षा की तारीख तय की जा सके.
आर्थिक और मानसिक परेशानी झेल रहे युवा राजस्थान में रीट, पटवार भर्ती और एसआई भर्ती सहित कई अन्य परीक्षाओं के इंतजार के बीच सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए बड़ा ऐलान किया था. आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के युवाओं को विभिन्न भर्ती परीक्षाओं में उम्र और फीस की राहत देने की सरकार ने बीते दिनों घोषणा की थी. ऐसे में इसका सीधा असर प्रतियोगी परीक्षाओं पर पड़ा और रीट सहित अन्य भर्तियों की तिथि आगे बढ़ाई गई.
लंबित प्रतियोगी परीक्षाओं का इंतजार हालांकि इससे ईडब्ल्यूएस वर्ग के लाखों बेरोजगारों को मौका मिलेगा. लेकिन जो युवा लंबे समय से परीक्षाओं की तैयारी कर रहे थे उनका इंतजार और लंबा हो गया. दूसरी तरफ अब कोरोना संकट के चलते प्रतियोगी परीक्षाओं में और देरी होने की संभावना है.