जयपुर.दुनिया के खूबसूरत ऐतिहासिक शहर जयपुर के परकोटा इलाके में आधुनिकता का पगफेरा होने जा रहा है. शहर के बड़ी चौपड़ और छोटी चौपड़ अब मेट्रो स्टेशन कहलाएंगे. 23 सितंबर को दोपहर 12:00 बजे सीएम अशोक गहलोत दोनों मेट्रो स्टेशन का उद्घाटन करेंगे. कोरोना के कारण मेट्रो का संचालन 22 मार्च के बाद रोक दिया गया था. अब मेट्रो का संचालन नई सौगात के साथ शुरू होगा. उद्घाटन के बाद शहरवासी बड़ी चौपड़ से मानसरोवर तक का सफर महज 26 मिनट में तय कर लेंगे. हालांकि, यहां पार्किंग, मोबाइल नेटवर्क और क्रॉसओवर प्वाइंट की कमी छूट गई है.
भूमिगत मेट्रो स्टेशन ट्रेन के स्वागत के लिए तैयार छोटी चौपड़ और बड़ी चौपड़ पर मेट्रो का संचालन इतिहास और आधुनिकता का संगम नजर आता है. मेट्रो का फेज वन बी पार्ट का निर्माण कार्य 2014 में शुरू हुआ था. हालांकि मार्च 2018 तक इस काम को पूरा किया जाना था, लेकिन इसे पूरा होते-होते सितंबर 2020 आ गया. बड़ी चौपड़ और छोटी चौपड़ इलाकों में हमेशा से यातायात का दबाव रहा है. मेट्रो का संचालन शुरू होने के बाद अब परकोटा राहत की सांस लेगा.
जयपुर में मेट्रो का किराया 3 स्तर पर किया गया है निर्माण
भूमिगत मेट्रो स्टेशन का निर्माण तीन स्तर पर किया गया है. ग्राउंड लेवल पर चौपड़ के चारों खंदों पर मेट्रो के भूमिगत एंट्रेंस और एग्जिट गेट बनाए गए हैं. दो द्वार पर दिव्यांग यात्रियों के लिए स्लोप और लिफ्ट की व्यवस्था की गई है. साथ ही ऐसे यात्रियों के लिए यहां व्हीलचेयर की भी व्यवस्था रहेगी. सीढ़ियों के साथ-साथ एक-एक एस्केलेटर की व्यवस्था भी की गई है.
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हालांकि, कुछ खामियां ऐसी हैं, जिनके चलते यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. इन स्टेशन पर ग्राउंड एंट्री एरिया में किसी भी तरह की पार्किंग की व्यवस्था नहीं की गई है. इससे वाहनों से आने वालों को मेट्रो का सफर खलेगा.
स्मार्ट कार्ड से यात्रियों की एंट्री
प्रथम तल पर बनाए गए कोनकोर्स एरिया पर पेड और अनपेड एरिया डेवलप किया गया है. यहां यात्रियों के लिए टिकट और स्मार्ट कार्ड प्राप्त करने के लिए विंडो बनाई गई है. इसके अलावा एक्सेस फेयर गेट से एंट्री होगी. फिलहाल कोरोना के मद्देनजर टोकन नहीं दिए जाएंगे. लिहाजा यात्रियों की एंट्री स्मार्ट कार्ड से ही होगी. इसके अलावा कोनकोर्स एरिया में फ्रिस्किंग बूथ, स्टेशन नियंत्रण कक्ष, पंप रूम, चिलर प्लांट रूम, बिल्डिंग मैनेजमेंट एरिया और प्लेटफार्म तक जाने के लिए दो एस्केलेटर और एक लिफ्ट की व्यवस्था की गई है. हालांकि, कोनकोर्स एरिया में उतरने के साथ ही यात्री नेटवर्क क्षेत्र से बाहर हो जाते हैं.
क्रॉसओवर की समस्या
प्लेटफार्म एरिया चौपड़ के ग्राउंड से 50 फीट नीचे है. प्लेटफार्म पर वेटिंग एरिया, सुपरविजन बूथ, फायर सेफ्टी सिस्टम, हॉटलाइन फोन सेवा, डायरेक्शन, इंडिकेशन और अपलाइन डाउनलाइन ट्रैक मौजूद है. यहां एक बड़ी समस्या क्रॉसओवर की है. बड़ी चौपड़ स्टेशन के आगे क्रॉसओवर नहीं होने से भूमिगत स्टेशनों पर एक बार में एक ही मेट्रो संचालित हो सकती है. इसलिए एक ट्रेन गुजरने के बाद यात्रियों को दूसरी ट्रेन के लिए कम से कम 10 मिनट का इंतजार करना पड़ेगा. ऐसे में यहां बना वेटिंग एरिया सबसे ज्यादा काम आने वाला है.
मेट्रो ट्रेन के संचालन के दौरान कोरोना गाइडलाइन को भी यात्रियों को फॉलो करना होगा. यहां बिना मास्क के प्रवेश वर्जित रहेगा. वहीं स्टेशन के एंट्री के समय थर्मल स्कैनर से तापमान भी मापा जाएगा और सैनिटाइज भी किया जाएगा. यात्री स्मार्ट कार्ड से ही सफर कर सकेंगे. साथ ही मोबाइल में आरोग्य सेतु एप होना जरूरी होगा.