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राजस्थान उपचुनाव 2021: वल्लभनगर में कांग्रेस खेल सकती है सहानूभूति कार्ड, धरियावद से ये हैं प्रमुख दावेदार - राजस्थान कांग्रेस उपचुनाव

राजस्थान उपचुनाव 2021 के तहत वल्लभनगर और धरियावद से चुनाव तैयारी के लिए 7-7 सदस्य कमेटी का गठन किया जा चुका है. 30 अक्टूबर को दोनों सीटों पर मतदान होगा और 2 नवंबर को नतीजे सामने आएंगे.

राजस्थान कांग्रेस उपचुनाव, Rajasthan by-election 2021
राजस्थान उपचुनाव 2021

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Published : Sep 28, 2021, 2:19 PM IST

जयपुर. राजस्थान में वल्लभनगर से कांग्रेस विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत और धरियावद से विधायक गौतम लाल मीणा के कोरोना महामारी से हुए निधन के चलते दोनों सीटों पर उप चुनाव का ऐलान मंगलवार को चुनाव आयोग की ओर से कर दिया गया है. 30 अक्टूबर को दोनों सीटों पर मतदान होगा और 2 नवंबर को नतीजे सामने आएंगे.

पढ़ेंःराजस्थान उपचुनाव 2021: वल्लभनगर और धरियावद में 30 अक्टूबर को होगा उपचुनाव

कांग्रेस पार्टी की ओर से इन दोनों सीटों पर चुनाव तैयारी के लिए 7-7 सदस्य कमेटी का गठन किया जा चुका है, ऐसे में चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही टिकट किसे दिया जाए इस पर सहमति बनाने का प्रयास अब तेज हो जाएगा.

दिवंगत विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत की पत्नी प्रीति शक्तावत

वल्लभनगर सीट की बात की जाए तो यहां दिवंगत विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत की पत्नी प्रीति शक्तावत को टिकट देकर कांग्रेस पार्टी सुजानगढ़ और सहाड़ा में हुए उपचुनाव की तर्ज पर सहानुभूति का फायदा उठाने का प्रयास करेगी. हालांकि शक्तावत परिवार में टिकट को लेकर कुछ तकरार भी है क्योंकि गजेंद्र सिंह शक्तावत के बड़े भाई और कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता रहे गुलाब सिंह शक्तावत के बड़े बेटे देवेंद्र शक्तावत भी अपने लिए टिकट की मांग कर रहे हैं. ऐसे में पार्टी को परिवार के बीच चल रही कलह को भी ध्यान में रखना होगा.

कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार नागराज मीणा लगातार दो चुनाव हार चुके हैं, लेकिन पार्टी के पास नागराज मीणा के अलावा धरियावद में कोई बड़ा चेहरा नहीं है. ऐसे में कहा जा रहा है कि मजबूरी में कांग्रेस पार्टी नागराज को ही अपना उम्मीदवार बनाएगी. हालांकि इस सीट से कांग्रेस नेता रूपलाल मीणा और भेरुलाल मीणा भी अपनी उम्मीदवारी जता रहे हैं.

मंत्रिमंडल विस्तार या फेरबदल पर नही होगा प्रभाव

राजस्थान में जैसे ही 2 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की घोषणा हुई, उसके साथ ही एक बार फिर यह चर्चा होने लगी है कि अब कैबिनेट विस्तार या फेरबदल क्या फिर से टल जाएगा, लेकिन बता दें की दोनों सीटों पर उपचुनाव के लिए आचार संहिता उदयपुर और प्रतापगढ़ जिले में लगेगी. प्रतापगढ़ जिले में 2 सीटें धरियावद और प्रतापगढ़ आती है. जिनमें प्रतापगढ़ से विधायक रामलाल मीणा पहली बार विधायक हैं जिनका कैबिनेट के संभावितों में नाम शामिल नहीं है.

नागराज मीणा

इसी तरीके से उदयपुर जिले में 8 विधानसभा सीटें आती हैं उनमें से वर्तमान में कांग्रेस के पास केवल खेरवाड़ा में विधायक दयाराम परमार है. दयाराम परमार वैसे तो पूर्व मंत्री रह चुके हैं, लेकिन अब की बार उनके नाम पर किसी तरीके की चर्चा सुनाई नहीं दे रही है. ऐसे में अगर आलाकमान मंत्रिमंडल विस्तार या किसी प्रकार के बदलाव का निर्णय लेते हैं तो उस पर उपचुनाव का कोई असर नहीं होगा.

अजय माकन का प्रस्तावित दौरा टला

राजस्थान में 2 सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए तारीखों के ऐलान से पहले ही कांग्रेस के प्रभारी महासचिव अजय माकन का राजस्थान का दो दिवसीय दौरा प्रस्तावित था, जो सितंबर माह में ही होता, लेकिन अब चुनाव घोषित कर दिए गए हैं और आचार संहिता लग चुकी है तो ऐसे में कांग्रेस पार्टी के प्रभारी महासचिव अजय माकन नामांकन सभा और प्रचार के समय ही दोनों जिलों का दौरा करेंगे. टिकट किसे मिले इसके लिए लिया जाने वाला संभावित फीडबैक कार्यक्रम अब टल गया है.

दोनों सीट कांग्रेस के लिए चुनैती

चाहे धरियावद हो या फिर वल्लभनगर दोनों ही सीटों पर होने वाला उपचुनाव सत्ताधारी दल कांग्रेस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगा. इसका कारण साफ है कि जहां धरियाबाद विधानसभा सीट कांग्रेस लगातार दो बार से हार रही है, तो वहीं वल्लभनगर विधानसभा सीट पर भाजपा से ज्यादा बड़ी चुनौती कांग्रेस के सामने जनता सेना के रणधीर सिंह भिंडर बने हुए हैं.

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हाल ही में हुए पंचायत चुनाव में भी रणधीर सिंह भिंडर की पार्टी जनता सेना ने ही जीत दर्ज की थी और अब उपचुनाव में भी रणबीर सिंह भिंडर को मजबूत माना जा रहा है. ऐसे में सत्ताधारी दल होने के बावजूद कांग्रेस के सामने दोनों सीटों पर जीत दर्ज करना किसी चुनौती से कम नहीं है.

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