जयपुर.राजधानी में आबादी के साथ-साथ सड़कों पर वाहनों का दबाव भी बढ़ता जा रहा है. ऐसे में अब शहर में जाम की समस्या भी आम हो चली है. हालांकि स्मार्ट सिटी और जेडीए प्रशासन शहर में कुछ पार्किंग प्रोजेक्ट पर काम जरूर कर रहे (Jaipur Municipal Corporations) हैं. शहर के दोनों निगम एक पंथ दो काज कहावत को सार्थक करने के प्रयास में जुटे हुए हैं. राजधानी का परकोटा क्षेत्र हो या बाहरी इलाका ग्रेटर और हेरिटेज निगम पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नई पार्किंग साइट विकसित करने जा रहे हैं. इससे निगम को राजस्व भी मिलेगा.
निगमों के सामने आ रही राजस्व की चुनौती को लेकर हेरिटेज निगम आयुक्त अवधेश मीणा ने कहा कि निगम का सबसे बड़ा रेवेन्यू सोर्स यूडी टैक्स होता है. इसके लिए प्रॉपर्टी का रिसर्वे किया जा रहा है. इनमें करीब एक लाख प्रॉपर्टी का सर्वे हो चुका है, और ढाई लाख प्रॉपर्टी का टारगेट सेट किया गया. इसके अलावा फील्ड डिमांड के चलते विज्ञापन और होर्डिंग साइट को टारगेट किया जा रहा है. जिनके टेंडर भी लगाए जा रहे हैं साथ ही 300 नई होर्डिंग साइट भी विकसित की जा रही है. वहीं प्राइम लोकेशन पर निगम के भूखंड और दुकानों को नीलाम भी किया जा रहा है. डेयरियों पर सख्ती करते हुए जिन्होंने किराया जमा नहीं कराया है उन्हें सीज भी किया गया है. इसके अलावा पार्किंग की समस्या से निजात पाने और रेवेन्यू सोर्स बढ़ाने के लिए नई पार्किंग साइट विकसित की जा रही है और इसी महीने करीब 10 नई पार्किंग के टेंडर भी कर दिए जाएंगे.