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उदयपुर के बहादुरों की आंखों देखी : आतंकियों का पीछा किया तो चाकू दिखाया, गला काटने की धमकी दी... - Kanhaiya Lal Murder Accused

हमने 2611 नंबर की बाइक पर बैठे आतंकियों का पीछा किया तो उन्होंने चाकू दिखाकर हमें धमकाया और अल्लाहू अकबर के नारे लगाते रहे. लेकिन हम डरे नहीं और उन्हें पकड़वाकर ही दम लिया. सुनिए कन्हैयालाल के हत्यारों की गिरफ्तारी Udaipur Tailor Killing) की कहानी, उदयपुर के बहादुरों की जुबानी...

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उदयपुर के बहादुरों की आंखों देखी

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Published : Jul 5, 2022, 4:53 PM IST

Updated : Jul 5, 2022, 5:14 PM IST

जयपुर. उदयपुर के कन्हैयालाल के हत्यारे (Udaipur Beheading Case) दोनों आतंकियों को पकड़वाने में सबसे अहम योगदान जिन दो बहादुरों प्रहलाद सिंह और शक्ति सिंह का था, उन दोनों ने मंगलवार को ईटीवी भारत से उस दिन के अनुभव साझा किए. दोनों बहादुर रिश्ते में चाचा भतीजा हैं. जिस दिन यह घटना हुई उसके बाद जैसे ही वीडियो वायरल हुआ तो वह वीडियो प्रहलाद सिंह और शक्ति सिंह ने भी देख लिया, जिससे उन्हें दोनों आतंकियों का हुलिया ध्यान में था.

प्रहलाद सिंह ने बताया कि उन्हें पुलिसकर्मी बाबू सिंह का फोन आया कि उदयपुर में जो कांड हुआ, उसके दो आरोपी (Kanhaiya Lal Murder Accused) बाइक लेकर देवगढ़ की तरफ आ सकते हैं. ऐसे में हम सड़क पर उनका इंतजार करते रहे. इतने में ही देवगढ़ की तरफ से 2611 नंबर की मोटरसाइकिल हमारे गांव का हाल की तरफ आती दिखाई दी तो हमने तुरंत उस मोटरसाइकिल का पीछा किया और पुलिस को यह जानकारी दे दी. लेकिन जैसे ही हम इनके पीछे चलने लगे कुछ देर में ही दोनों आतंकियों को इस बात की भनक लग गई कि हमारा पीछा किया जा रहा है. ऐसे में उन्होंने अपने बैग से एक चाकू निकाला, हमें डराया-धमकाया कि हमारा पीछा करोगे तो हम मार देंगे और अल्लाह हू अकबर के नारे लगाने लगे. लेकिन हम डरे नहीं और लगातार पुलिस के संपर्क में रहे.

उदयपुर के बहादुरों की आंखों देखी ...

उन्होंने कहा कि नेशनल हाईवे 8 पर नाकाबंदी थी, लेकिन दोनों आतंकियों ने उस 40 मील चौराहे का रास्ता लिया, जहां नाकाबंदी नहीं थी. लेकिन कुछ देर आगे चले तो पुलिस की गाड़ी हमें दिखी, जिसे हमने इशारा कर दिया तो वह पुलिस की जीप भी हमारे ही साथ उन दोनों आतंकियों के पीछे लग गई. लेकिन दोनों आरोपी बाइक तेज कर भीम के बाजार में चले गए और एक बार उन्होंने हमें और पुलिसवालों को चकमा दे दिया. लेकिन कुछ देर में ही हमें दिखाई दिए तो हम चिल्लाने लगे. जिसके बाद पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया. आतंकियों से डर लगने के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हम करणी सेना के हैं, हमें डर नहीं लगता.

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करनी सेना बोली- आतंकियों को पकड़वाने में जान हथेली पर रखने वाले बहादुरों को सरकार करे प्रमोट, दे योग्यता अनुसार नौकरी : दोनों युवा राजपूत करणी सेना से जुड़े हुए हैं. ऐसे में करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महिपाल मकराना मंगलवार को दोनों युवाओं को लेकर राजपूत सभा भवन पहुंचे. मकराना ने कहा कि हमारी मुलाकात मुख्यमंत्री से हुई है और मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है कि (Demand from Gehlot Government) जैसी इनकी पढ़ाई की योग्यता है, उसके आधार पर इनके लिए निर्णय लिया जाएगा.

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मकराना ने कहा कि 2018 में एक आरोपी को पकड़वाने पर वसुंधरा चौहान को ऐसा ही बनाया गया था. हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम लोगों की असली मांग इनके लिए कोई परितोषिक की नहीं, बल्कि हमारी मांग इनके परिवार की सुरक्षा निश्चित (Karni Sena Rajasthan) करवाना और जिन युवाओं ने ऐसा साहस दिखाया है इन युवाओं के बारे में आने वाली जनरेशन जाने और इनसे प्रभावित हो. महिपाल मकराना ने कहा कि दोनों साहसी युवाओं को सुरक्षा दिलवाई जाए, क्योंकि आतंकियों की इंटेलिजेंस हमारी इंटेलिजेंस से कहीं ज्यादा मजबूत है.

Last Updated : Jul 5, 2022, 5:14 PM IST

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